भोपाल: मध्य प्रदेश की सियासत में अचानक ही तेज़ी आ गई है. कांग्रेस की सरकार पर संक’ट आ गया है और अब हालत ये है कि कभी भी कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर सकती है. जहां भाजपा ने इस गेम की पहली बाज़ी जीत ली है वहीँ कांग्रेस भी सक्रिय नज़र आ रही है. कांग्रेस इस हारी हुई बाज़ी को पलटने की हर सम्भव कोशिश करने में लग गई है. ख़बर है कि कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा और डॉक्टर गोविन्द सिंग कांग्रेस के नाराज़ विधायकों को मनाने के लिए बेंगलुरु पहुँच गये हैं.
उनकी कोशिश होगी कि बाग़ी 19 विधायक पार्टी में आ जाएँ. ये सभी विधायक इस्ती’फ़ा दे चुके हैं लेकिन इनका इ’स्तीफ़ा अभी स्वीकार नहीं किया गया है. वर्मा कमलनाथ के सबसे ख़ास माने जाते हैं.ख़बर ये भी है कि पार्टी अब अपने 94 विधायकों को राजस्थान में शिफ्ट करेगी. राजस्थान में इस समय कांग्रेस की सरकार है. राजस्थान की राजधानी जयपुर में पार्टी के विधायक कल पहुंचेंगे. वहीँ भाजपा भी अपने विधायकों को बेंगलुरु या दिल्ली शिफ्ट करने वाली है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भोपाल पहुँच रहे हैं और स्थिति को अपने लेवल पर हैंडल करने की कोशिश कर रहे हैं. पार्टी के कुछ नेताओं ने जब सुबह ये कहा कि उनकी सरकार नहीं बचेगी तभी पार्टी एक्टिव में आयी और अचानक ही ऐसा लगा कि पार्टी अंत तक कोशिश करने जा रही है. समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने कहा कि कांग्रेस ल’ड़ाई के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नैतिकता को कोई भी नीचे नहीं कर सकता है, पार्टी के पास 94 विधायक हैं.ख़बर है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भोपाल में सिंधिया मुर्दाबा’द के नारे भी लगाए. इस बीच कमलनाथ ने बयान दिया है कि सरकार पर किसी तरह का कोई ख़त’रा नहीं है.
आपको बता दें कि ये संक’ट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बग़ावत करने से आया है. सिंधिया ने कांग्रेस से इस्ती’फ़ा दे दिया है जबकि पार्टी ने सूचना दी कि उन्हें निकाल दिया गया है. सिंधिया के इ’स्तीफ़ा देते ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता उनके ख़िला’फ़ बयान देने लगे. जानकार मानते हैं कि सिंधिया को राज्यसभा सीट और केंद्रीय मंत्री पद मिल सकता है, साथ ही ऐसी भी उम्मीद है कि जब भाजपा सरकार बने तब सिंधिया ख़ेमे से एक उप-मुख्यमंत्री बनाया जाए.