अस्सलाम ओ अलैकुम दोस्तों, हम में से लगभग हर कोई ही धर्म पार यक़ीन रखता है. पर ये भी सच है कि पिछले कुछ समय में लोगों में नैतिकता में कमी आयी है और पिछले इतने सालों में हम अपने धर्म के असली तौर-तरीकों से दूर जा रहे हैं. यही वजह है कि हम सभी में बुराईयाँ घर कर रही हैं. इसी को देखते हुए हम अक्सर ‘भारत दुनिया’ में धर्म से जुड़ी बात करते हैं. आज हम इस्लाम के नज़रिए से एक बड़ी ज़रूरी बात आपको बताने जा रहे हैं.
हमने देखा है कि हमारे देश में लोग अपने बेटों को अपनी बेटियों से ज़्यादा प्यार करते हैं और कई बार तो अग .र उन्हें ये मालूम हो कि होने वाली माँ के पेट में जो बच्चा है वो लड़की है तो वो उसका एबॉ’र्शन भी कराने से पीछे नहीं हटते. प्यारे अज़ीज़ों आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं. क़ुरान की रौशनी में हम समझने की कोशिश करेंगे कि किसी माँ के पेट में बच्चा लड़का है या लड़की ये पता लगाना कैसा है.
मेरे अज़ीज़ भाइयों और बहनों, अल्लाह ने कुरान में फरमाया है कि तमाम आसमान और जमीन की सल्तनत अल्लाह के हाथ में है अल्लाह जो चाहे करता है जिसे चाहे बेटियां देता है जिसे चाहे बेटे देता है जिसे चाहे बेटे बेटियां दोनों देता है या किसी को बांझ बना सकता है और कोई औलाद नहीं देता ।यह सब कुछ अल्लाह की मर्जी से ही होता है. लड़का हो या कि लड़की दोनों ही अल्लाह की नेमत है, चाहे लड़का हो या लड़की, दोनों ही दुनिया को आगे बढ़ाएंगे..बेहतरी की तरफ़ ले जायेंगे.
अल्लाह ने ऐसा निज़ाम बनाया है जिसमें मर्द और औरत दोनों की बराबर की ज़रूरत है. दोनों में से कोई एक न हो तो दुनिया आगे नहीं बढ़ सकती.आज हमारे देश के राज्य हरियाणा में ये स्थिति है कि लोगों को अपने बेटों की शादी के लिए लड़कियां दूर के किसी राज्य में जाकर ढूँढनी होती हैं क्यूंकि वहाँ लड़कियां बची ही नहीं हैं. हमने ऐसे बहुत से लोग अपने आस पास भी देखे हैं जिनके घरों में लड़कों को नाहक़ लड़कियों से ज़्यादा सम्मान मिलता है.
बेटे के पैदा होने पर ख़ुशी और बेटी के पैदा होने पर ग़म का इज़हार करते हैं. शौहर अपनी बीवी से झगड़ा तक कर लेता है कि तुमने बेटी क्यूँ पैदा की जबकि ये उसके हाथ में नहीं है, ये अल्लाह के हाथ में है..जिसे चाहे बेटा दे दे, जिसे चाहे बेटी. दोस्तों आज हम आपको बता रहे हैं बेटे और बेटियां कैसे होते हैं बेटे और बेटियों में क्या फर्क होता है। दोस्तों जिस बात को आज साइंस कहता है कि बेटे और बेटियों का होना X और Y क्रोमोसोम पर डिपेंड करता है इस बात को 14 साल पहले हमारे नबी ने बता दिया था.
अज़ीज़ दोस्तों, ये इल्म दुनिया में तो बाद में लेबोरेटरी के ज़रिए सिद्ध किया गया लेकिन बहुत पहले ही अल्लाह ने हमारे नबी सल-लाहो-अलैहि-वसल्लम को अता किया था कि लड़का या लड़की कैसे होते हैं। हमारे प्यारे नबी जिनके पास सबसे ज़्यादा इल्म था और अल्लाह ने आपको जो अक्ल अता की थी वो दूसरे किसी इंसान को नहीं दी। दोस्तों कैसी लगी हमारी आज की पोस्ट, हमारे साथ बने रहिये और इस पाक महीने में ग़रीबों-मज़लूमों की मदद करिए. अपना ख़याल रखिये, ख़ुदा हाफ़िज़.