बेंगलुरु: पिछले पंद्रह सालों में क्रिकेट जिस तरह से बदली है उससे ये माना जा सकता है कि इस खेल में बल्लेबाज़ों की एह’मियत और बढ़ी है और गेंदबाज़ों का सम्मान घ’टा है. गेंदबाज़ बहुत अच्छी गेंदबाज़ी कर दें लेकिन हीरो बल्लेबाज़ ही बनता है. आजकल जिस तरह की स’पाट पिच बन रही हैं और जिस तरह से खेल का प्रारूप ऐसा किया गया है कि बल्लेबाज़ आसानी से रन बना सकें, उसके बाद गेंदबाज़ों के लिए ख़ास कुछ बचता नहीं है.
इसके बाद भी अगर गेंदबाज़ अच्छी गेंदबाज़ी कर दे तो उसे प्लेयर ऑफ़ द मैच का ख़िताब मिलेगा, इसकी उम्मीद कम ही होती है. ऐसा ही कुछ आज हुआ, ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेले गए इस मैच को हाई स्कोरिंग माना जा सकता है. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले खेल कर 286 रन बना डाले लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ों ने इस लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया. 15 गेंदों के रहते भारत ने ये मैच जीत लिया.
भारत की ओर से रोहित शर्मा ने 119 रन बनाये और कप्तान कोहली ने 89 रनों की पारी खेली. सीरीज़ के तीसरे और अंतिम मैच को भारत ने सात विकेट से जीतकर सीरीज़ भी 2-1 से जीत ली. आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया की ओर से स्टीव स्मिथ ने शानदार 131 रन बनाये. इस पूरे मैच में जबकि सभी गेंदबाज़ पिटे, सिर्फ़ रवीन्द्र जडेजा और मुहम्मद शमी अपनी गेंदबाज़ी से प्रभावित कर सके. मुहम्मद शमी ने शानदार 4 विकेट लिए. शमी की गेंदबाज़ी का कमाल ही था कि ऑस्ट्रेलिया अंतिम ओवेरों में ज़्यादा रन नहीं बना सका.
शमी ने स्टीव स्मिथ और वार्नर जैसे खिलाड़ियों को आउट किया. स्मिथ को उन्होंने तब आउट किया जब वो तेज़ी से रन बनाने की कोशिश में थे. 48वें ओवर में उनके द्वारा लिए गए दो विकटों ने और अंतिम ओवर में जो गेंदबाज़ी उन्होंने की, यही वजह है कि ऑस्ट्रलिया 300 पार न जा सका. प्लेयर ऑफ़ द मैच लेकिन रोहित शर्मा को दिया गया जबकि शमी का भी इस पर वाजिब हक़ बनता था.