अफ़्रीका के उत्तरी क्षेत्र में स्थित सूडान में पिछले दिनों ख़ासी राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिली. लम्बे चले प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर को सत्ता से हटना पड़ा. वो 1989 से देश की सत्ता पर क़ाबिज़ थे. बशीर के हाथ से गद्दी तो गई ही साथ ही अब उन्हें भ्रस्टाचार के आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है.
सूडान के राजनीतिक संकट में यूँ तो सऊदी अरब का कोई रोल नहीं है लेकिन अदालत में एक ऐसी बात भी कही गई जिसके बाद चर्चाएँ तेज़ हो गई हैं. बीबीसी पर प्रकाशित एक ख़बर के मुताबिक़ सूडान में एक जासूस ने कोर्ट में कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर को सऊदी अरब से लाखों डॉलर मिले हैं. इस आरोप पर फ़ौरन ही बशीर के वकीलों ने कहा कि ये आरोप सरासर ग़लत हैं और इनका कोई आधार नहीं है.

आपको बता दें कि महीनों के विरोध प्रदर्शन के बाद बशीर को अप्रैल में पद से हटना पड़ा. जून में अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में कहा कि बशीर के घर पर अनाज की बोरियों में विदेशी मुद्रा मिली है जोकि बहुत बड़ी मात्रा में है. एक एजेंसी की ख़बर के मुताबिक़ पुलिस जांचकर्ता अहमद अली ने कोर्ट को कहा है कि बशीर को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान से 2.5 करोड़ डॉलर की बड़ी रक़म मिली है.
दावा किया जा रहा है कि बशीर को सऊदी अरब से इसके अलावा भी पैसे मिले हैं. बशीर के वकील का दावा है कि ये सब बातें झूठी हैं और इनका कोई आधार नहीं है. बशीर के ऊपर विदेशी मुद्रा रखने, भ्र’ष्टाचार करने और अ’वैध तरीके से गिफ़्ट पाने से जुड़े आरोप हैं. ये सुनवाई यूँ तो जुलाई में होनी थी लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से इसे टाल दिया गया था.
इस मामले में जिस तरह से बातें सामने आ रही हैं उसके बाद इसमें सियासत भी होना तय है. इस पूरे मामले में सऊदी अरब की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है. 75 वर्षीय बशीर सूडान के सात बार राष्ट्रपति रहे हैं. उनके दौर में सूडान से अलग होकर साउथ सूडान भी बना. 2018 के बाद से ही उनकी पॉपुलैरिटी कम होने लगी और उनके ख़िलाफ़ लगातार प्रोटेस्ट होने लगे थे.