उत्तर प्रदेश में आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव को लेकर प्रचार अभियान ज़ोर शोर से चल रहा है. इन दोनों सीटों को 2019 में सपा ने जीता था, आज़मगढ़ से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रामपुर से सपा के वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान सांसद चुने गए थे. 2022 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रामपुर विधानसभा सीट से आज़म ख़ान विधायक चुने गए वहीं करहल से अखिलेश यादव विधायक चुने गए.
इसके बाद दोनों नेताओं ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया. इसी वजह से इन दोनों लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. दोनों सीटों के लिए वोटिंग 23 जून को होगी. ये दोनों सीटें सपा के लिए अहम् मानी जा रही हैं. सपा ने आज़मगढ़ सीट से बदायूँ के पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव को टिकट दिया है.
आज़मगढ़ सीट से बसपा ने गुड्डू जमाली को प्रत्याशी बनाया है जबकि भाजपा ने दिनेश लाल यादव उर्फ़ निरहुआ को टिकट दिया है. आज़मगढ़ से इस समय बड़ी ख़बर ये है कि बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली को AIMIM ने अपना समर्थन दिया है. AIMIM के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शौक़त अली ने इस सिलसिले में बयान दिया है.
वोटिंग से ठीक एक रोज़ पहले AIMIM ने गुड्डू जमाली को समर्थन देने की घोषणा की. मंगलवार शाम प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से बसपा उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को वोट देने की अपील करते हुए ये ऐलान किया. जिसके बाद बसपा उम्मीदवार ने AIMIM पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली को समर्थन देने के लिए धन्यवाद किया है.
आज़मगढ़ क्षेत्र में सक्रिय रहने वाली राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने भी बसपा को समर्थन देने की घोषणा की है. उलेमा काउंसिल ने ये फैसला इसलिए लिया है क्यूँकि बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया है. आज़मगढ़ को सपा का गढ़ माना जाता है ऐसे में धर्मेन्द्र यादव की स्थिति अच्छी मानी जा रही है. आज़मगढ़ ज़िले में दस विधानसभा सीटें हैं और सभी सीटों पर सपा के ही विधायक हैं.
रामपुर सीट की बात करें तो ये सीट सपा का गढ़ है और विशेष तौर पर यहाँ आज़म ख़ान की अच्छी पॉपुलैरिटी है. यहाँ से सपा ने आसिम राजा को टिकट दिया है. बसपा ने यहाँ से प्रत्याशी नहीं उतारा है. भाजपा ने घनश्याम सिंह लोधी को अपना प्रत्याशी बनाया है.