लखनऊ: समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने 1992 में समाजवादी पार्टी की नींव रखी। समाजवादी पार्टी की उत्तर प्रदेश में म’ज़बूती के लिए मुलायम सिंह यादव की भूमिका रही है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की 4 बार सरकार बनी जिसमें में 3 बार मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने। उसके बाद सपा के चौथी बार सत्ता में आने पर मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने थे।
मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक प्र’भाव को देखकर किसी को भी ऐसा महसूस हो सकता है कि उनके बेटे अखिलेश यादव की ज़िंदगी बहुत आरामदायक रही होगी। खासकर अखिलेश यादव की स्टूडेंट लाइफ ऐश में गुज़री होगी। उन्होंने लग्जरियस लाइफ जी होगी। लेकिन ऐसा कुछ भी नही है। यह केवल बस अनुमान हैं, हकीकत इसके विपरीत है बिल्कुल।
अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव ने उन्हें पढ़ाई के दैरान राजनीतिक माहौल से दूर रखा था। साथ ही उन्हें उनके पिता के राजनीतिक प्रभाव से भी अलग रखा। 1996 में एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए अखिलेश सिडनी गए थे। अखिलेश के अंकल अमर सिंह उनके साथ गए थे और सिडनी में उनकी सारी व्यवस्था करवाकर वापस आ गए थे।
सिडनी में अखिलेश अपना ख’र्चा बहुत सीमित होकर चलाते थे। जबकि उनके कई दोस्त जो सामान्य परिवार से पढ़ने आते थे वह अखिलेश से ज़्यादा खर्चा करते थे। यहां तक कि मुलायम सिंह यादव अखिलेश यादव से सिडनी में पढ़ाई के दौरान पूरा हि’साब लेते थे। जिस समय अखिलेश यादव सिडनी पढ़ने के लिए गए थे। उस समय उनके पिता देश के रक्षा मंत्री थे।
यह बात अखिलेश यादव की जीवनी ‘विंड्स ऑफ चेंज’ लिखने वाली पत्रकार सुनीता एरॉन ने अपनी किताब में बताई है। सुनीता ने लिखा है कि अखिलेश एक मजबूत परिवार से आते थे, पैसों की कमी न होने के बावजूद भी अखिलेश सिडनी में अपना खर्चा बहुत कम पैसों में चलाते थे। उनके खर्चे का पूरा हिसाब मुलायम सिंह यादव लेते थे। भारत में उस समय मोबाइल फोन लॉन्च हो चुके थे लेकिन अखिलेश के पास मोबाइल नही था।
Akhilesh Yadav
जबकि, अखिलेश के दोस्तों के पास तब फोन थे। अखिलेश को 90 डॉलर में अपना खर्च निकालना होता था जबकि उनके दोस्तों का 120 डॉलर एक हफ्ते का खर्चा था। सुनीता ने अपनी किताब में लिखा है कि, अखिलेश खुद अपने कपड़े धोते थे और खाना भी बनाते थे।