महाराष्ट्र में सिया’सी गह’मागह’मी का दौ’र कल से ज़ो’रों पर है। कल सुबह ही भाजपा ने अचा’नक अपनी सर’कार बना ली और देवेंद्र फडनवीस ने मुख्यमंत्री पद की श’पथ ली उनके साथ नज़र आए NCP के अजीत पवार जो उप मुख्यमंत्री पद की श’पथ ले रहे थे। इस बात के बाद से ये ख़’बरें फै’लने लगीं कि NCP ने शिवसेना को धो’का देकर भाजपा के साथ हाथ मिला लिया है लेकिन जल्द ही NCP प्रमुख शरद पवार के ब’यान से ये साफ़ हो गया कि NCP को अजीत पवार ने धो’का दिया है।
शरद पवार ने दावा किया कि NCP के विधायक अजीत पवार के साथ नहीं हैं बल्कि वो शरद पवार और पार्टी के साथ ही हैं। साथ ही शरद पवार ने कहा कि बा’ग़ी विधायकों और अजीत पवार के ख़ि’लाफ़ उचित निर्णय लिया जाएगा। शरद पवार ने शाम को NCP के विधायकों की एक मीटिंग भी बुलायी जिसमें आने वाले विधायकों की संख्या पर ये बात निर्भर करती थी कि अजीत पवार के साथ कितने विधायक हैं। सभी को आश्चर्य में डालते हुए अजीत के साथ जिन विधायकों के होने की बात थी उनमें से आधे से ज़्यादा विधायक शरद पवार की बुलाई मीटिंग में पहुँच चुके थे।
विधायकों की गु’मशु’दगी की रिपोर्ट तक लिखवा दी गयी। यहाँ तक कि विधायकों को यहाँ- वहाँ से ढूँढकर भी लाया गया। विधायकों के लौ’टने का सिलसिला अब तक जारी है। कुछ ही समय पहले संजय काकड़े, जयंत पाटिल और बबन शिंदे भी NCP प्रमुख शरद पवार के घर पहुँचते देखे गए हैं। इनका नाम भी उस लिस्ट में शामिल था जो कल की मीटिंग में नहीं पहुँचे थे। शरद पवार ने जिस तरह से पार्टी को सम्भाला है उससे अजीत पवार अब पूरी तरह अ’लग- थ’लग पड़ चुके हैं, न तो उन्हें पार्टी के किसी विधायक का कोई साथ मिल रहा है और अब न ही पार्टी में उनका कोई स्थान रह गया है।