नई दिल्ली: एक तरफ़ जहाँ पूरे भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर बहस छि’ड़ी हुई है और साथ ही NRC और एनपीआर की भी चर्चा हो रही है वहीँ केंद्र की मोदी सरकार ने पूर्व पाकिस्तानी अदनान सामी को पद्मश्री देकर नई बहस छेड़ दी है. असल में अदनान सामी संगीत से जुड़े हुए हैं और उनका संगीत के लिए योगदान उल्लेखनीय है. परन्तु जो योगदान उनका है लगभग उसी तरह का योगदान कई और भारतीय नागरिकों का है परन्तु उन्हें इस तरह के पुरूस्कार से नहीं नवाज़ा गया.
अब बात ये है कि अदनान को मोदी सरकार ने ही नागरिकता दी थी. कांग्रेस और कुछ विपक्षी दल कह रहे हैं कि जो भी प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करता है, ये उसको पुरूस्कार देती है और जो भी आलोचना करता है उसको भाजपा के लोग देशद्रो’ही कहने लगते हैं. अब इस मुद्दे पर कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी सरकार पर ह’मला बोला है.
महाराष्ट्र के मंत्री तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक ने गायक-संगीतकार अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर कहा, ‘यह साफ-साफ ऐसा मामला है कि पाकिस्तान से आने वाला कोई शख्स ‘जय मोदी’ बोलेगा, तो उसे भारत की नागरिकता के साथ-साथ पद्मश्री पुरस्कार भी दिया जाएगा… यह देशवासियों का अपमान है…”.
इसके पहले जयवीर शेरगिल ने कहा कि ऐसा क्यों हुआ कि करगिल यु’द्ध में शामिल हुए सैनिक सनाउल्लाह को ‘घुसपैठिया’ घोषित कर दिया गया, जबकि उस सामी को पद्म सम्मान दिया जा रहा है जिसके पिता ने पाकिस्तानी वायुसे’ना में रहकर भारत के ख़िलाफ़ गोलाबा’री की थी? शेरगिल ने एक वीडियो जारी कर कहा था, ‘‘भारतीय से’ना के वीर सिपाही और भारत माता के पुत्र मोहम्मद सनाउल्लाह जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल की लड़ाई लड़ी, उनको एनआरसी के जरिए घुसपैठिया घोषित कर दिया गया. दूसरी तरफ, अदनान सामी को पद्म श्री से नवाज़ दिया गया जिनके पिता पाकिस्तानी वायुसे’ना में अफसर थे और जिन्होंने भारत के खिलाफ गोलाबारी की थी.”
उन्होंने सवाल किया, ‘‘पाक के खिलाफ लड़ने वाला भारत का सिपाही घुसपैठिया और पाक वायुसे’ना के अफसर के बेटे को सम्मान क्यों? क्या पद्मश्री के लिए समाज में योगदान जरुरी है या सरकार का गुणगान? क्या पद्मश्री के लिए नया मानदंड है कि करो सरकार की चमचागिरी, मिलेगा तुमको पद्मश्री?”उल्लेखनीय है कि सनाउल्लाह भारतीय सेना के सिपाही रहे हैं लेकिन काग़ज़ में जन्म को लेकर दी गई जानकारी में मामूली फ़र्क़ होने की वजह से उन्हें डिटेंशन कैम्प में रहना पड़ा.