1996 Lok Sabha Election: 1991-96 के बीच देश में नरसिम्हा राव की सरकार रही. इस सरकार को यूँ तो कई वजह से आलोचना झेलना पड़ा लेकिन इसी सरकार ने भारत में आर्थिक लिबरलाइज़ेशन हुआ. राव देश के पहले नॉन नेहरु-गांधी परिवार के सदस्य थे जिन्होंने पाँच साल की सरकार कम्पलीट की. 1996 के लोकसभा चुनाव से पहले कई क्षेत्रीय दल राजनीतिक पटल पर आ चुके थे. 1996 में हुए ये चुनाव कई पार्टियों के बीच मुक़ाबला था लेकिन भाजपा और कांग्रेस ही मुख्य पार्टियाँ बनकर उभरे.
भाजपा पहली बार देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. भाजपा को 161 सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस को भारी नुक़सान के साथ 140 सीटें हासिल हुईं. कांग्रेस की ये सबसे ख़राब परफॉरमेंस थी. नरसिम्हा राव की पॉपुलैरिटी अच्छी नहीं थी, यही कारण रहा कि कांग्रेस को चुनाव में हार मिली. राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया. भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेई ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. राष्ट्रपति ने वाजपेयी को बहुमत सिद्ध करने के लिए दो हफ़्ते का समय दिया.
भाजपा ने क्षेत्रीय दलों से समर्थन हासिल करने की कोशिश की. भाजपा की कोशिश सेक्युलर दलों को मनाने की तो थी ही, साथ ही भाजपा ने क्षेत्रीय मुस्लिम दलों से भी बात करने की कोशिश की. हालाँकि दक्षिणपंथी विचारों वाली भाजपा समय रहते समर्थन हासिल करने में नाकाम रही. 15 मई को प्रधानमंत्री बने वाजपेयी ने 28 मई को माना कि उनकी पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर सकेगी और उनकी १३ दिन की सरकार बिना अविश्वास प्रस्ताव का सामना किए गिर गई.
राष्ट्रपति ने इसके बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को सरकार बनाने का न्योता दिया. कांग्रेस ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया लेकिन ख़ुद सरकार से बाहर रहने का फ़ैसला किया. इसका अर्थ हुआ कि कांग्रेस सरकार को समर्थन देगी लेकिन उसकी पार्टी का कोई नेता मंत्री नहीं बनेगा. यूनाइटेड फ्रंट के गठबंधन के तहत एचडी देवेगौडा देश के प्रधानमंत्री बने. देवेगौडा की सरकार 21 अप्रैल 1997 तक चली. इसके बाद इंद्र कुमार गुजरात को कांग्रेस का समर्थन मिला और वो प्रधानमंत्री चुने गए.
यूनाइटेड फ्रंट के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के ऊपर इसी दौरान चारा घोटाले के आरोप लगे. यूनाइटेड फ्रंट के ही कुछ नेताओं ने जब लालू यादव के इस्तीफ़े की मांग की तो लालू ने पार्टी छोड़ दी और राष्ट्रीय जनता दल नामक पार्टी बनाई. जनता दल के 45 लोकसभा सदस्य में से 17 लालू के साथ चले गए. हालाँकि लालू की पार्टी ने यूनाइटेड फ्रंट गठबंधन को समर्थन देना जारी रखा. कुछ समय बाद गुजराल को कांग्रेस की ओर से मुश्किल दिखी और सरकार के 11 महीनों के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया. 1996 में हुए चुनाव से बनी लोकसभा 1998 में भंग हो गई. 1996 चुनाव के नतीजे इस प्रकार रहे- 1996 Lok Sabha Election
Sr No | Party | Seats |
---|---|---|
1 | BJP Bharatiya Janata Party |
161 |
2 | INC Indian National Congress |
140 |
3 | JD Janata Dal |
46 |
4 | CPM Communist Party Of India (marxist) |
32 |
5 | TMC(M) Tamil Maanila Congress (moopanar) |
20 |
6 | SP Samajwadi Party |
17 |
7 | DMK Dravida Munnetra Kazhagam |
17 |
8 | TDP Telugu Desam Party |
16 |
9 | SHS Shivsena |
15 |
10 | CPI Communist Party Of India |
12 |
11 | BSP Bahujan Samaj Party |
11 |
12 | IND Independent |
9 |
13 | SAD Shiromani Akali Dal |
8 |
14 | SAP Samata Party |
8 |
15 | AGP Asom Gana Parishad |
5 |
16 | RSP Revolutionary Socialist Party |
5 |
17 | AIIC(T) All India Indira Congress (tiwari) |
4 |
18 | HVP Haryana Vikas Party |
3 |
19 | FBL All India Forward Bloc |
3 |
20 | MUL Muslim League |
2 |
21 | KEC(M) Kerala Congress(m) |
1 |
22 | AIMIM All India Majlis-e-ittehadul Muslimoon |
1 |
23 | UGDP United Goans Democratic Party |
1 |
24 | ASDC Autonomous State Demand Committee |
1 |
25 | MAG Maharashtrawadi Gomantak |
1 |
26 | JMM Jharkhand Mukti Morcha |
1 |
27 | KCP Karnataka Congress Party |
1 |
28 | MPVC Madhya Pradesh Vikas Congress |
1 |
29 | SDF Sikkim Democratic Front |
1 |
Total | 543 |