भारत जिसे ध’र्म निरपेक्ष राष्ट्र कहा जाता है पिछले कई दिनों से यहाँ जा’तिग’त भे’दभाव की घ’टनाएँ सामने आने लगी हैं। फिर भी स’माज में लोगों का बड़ा स’मूह इस तरह के भे’दभाव के ख़िला’फ़ रहा है। कई लोग अपने ध’र्म को दूसरे ध’र्म से बेह’तर समझते रहे हैं और उसी तरह व्यवहार भी करते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया जब हाल ही में एक आदमी ने अपने खाने का ऑर्डर कै’न्सल कर दिया क्योंकि उसे खाना सिर्फ़ हिं’दू डिली’वरी बॉय से ही चाहिए था।
सोचने में अमा’नवीय लगने वाली ये घ’टना जबलपुर की है जहाँ रहने वाले अमित शुक्ला ने खाना घर पहुँचाने वाले ऐप ज़ोमैटो से खाना ऑर्डर किया लेकिन जैसे ही डिलीवरी बॉय का नाम फ़ै’याज़ पढ़ा वैसे ही ज़ोमैटो के हेल्प में जाकर अमित ने उन्हें कहा कि वो उसकी डिलीवरी के लिए किसी और को भेजें। जब ज़ोमैटो कस्टमर केयर में उनसे इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि वो किसी नॉ’न- हिं’दू (मु’स्लिम) व्यक्ति से खाना लेकर नहीं खा सकते, ख़ासतौर पर अभी चल रहे सा’वन के महीने में।
Just cancelled an order on @ZomatoIN they allocated a non hindu rider for my food they said they can't change rider and can't refund on cancellation I said you can't force me to take a delivery I don't want don't refund just cancel
— पं अमित शुक्ल 1775 followers limited (@Amit_shukla999) July 30, 2019
जिस तरह आप इस बात को जानकर है’रान हैं उसी तरह है’रान होकर ज़ोमैटो कस्टमर केयर की ओर से जवाब आया कि डिलीवरी पर्सन में हम किसी तरह का भे’दभाव नहीं करते और इस वजह से ऑर्डर कै’न्सल नहीं हो सकता। ऐसे में अमित ने डिलीवरी बॉय बदलने या ऑर्डर कै’न्सल करने की बात फिर से की तो ज़ोमैटो से रिप्लाई आया कि अगर इस वज’ह से अमित ऑर्डर कै’न्सल करते हैं तो उन्हें कोई री’फ़ंड भी नहीं मिलेगा बल्कि उन्हें ऑर्डर के 237 रुपए देने होंगे। अमित ने ये बात मानकर ऑर्डर कै’न्सल कर दिया।
लेकिन अमित यहाँ ही नहीं रुके अपनी दक़ि’यानूसी सोच का ढिं’ढोरा पी’टने वो ट्विटर पर जा पहुँचे और वहाँ से ट्वीट करके कहा कि वो ज़ोमैटो का ऐप हटा रहे हैं क्योंकि ज़ोमैटो ने इस तरह का काम किया और उनकी रिक्वेस्ट नहीं मानी। इस पर ज़ोमैटो ने उनके ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि “Food doesn’t have a re’ligion. It is a reli’gion” मतलब खाने का कोई ध’र्म नहीं होता बल्कि खाना ख़ुद एक ध’र्म है।
https://twitter.com/ZomatoIN/status/1156429449258250240
ज़ोमैटो के इस जवाब का सोशल मीडिया में जमकर स्वागत हुआ और ज़ोमैटो के इस क़दम को लोगों की सराहनाएँ मिल रही हैं। यहाँ तक कि ज़ोमैटो के फ़ाउंडर दीपेंद्र गोयल ने भी ज़ोमैटो के ट्वीट को सराहते हुए लिखा कि हम भारत की अने’कता में ए’कता की भाव’ना का आदर करते हैं और अपने सभी कस्ट’मर और पार्ट्नर का सम्मान करते हैं। हमारे उसू’लों पर चलने के लिए अगर किसी तरह का नु’क़सान उठाना पड़े तो भी हमें कोई अफ़’सोस नहीं होता।
वहीं ट्विटर पर लोगों ने ज़ोमैटो को ये अपील की है कि वो अमित शुक्ला जैसे यूज़’र को ख़ुद ही ब्ला’क कर दें यही नहीं कई लोगों ने तो ये तक कहा है कि ज़ोमैटो की तरह ही खाना ऑर्डर करने वाले सभी ऐप के लोग एकजुट होकर ऐसे इंसान का बहि’ष्कार करें जो इस तरह की भावना रखता है तब उसे भी असली भा’रत का पता चलेगा। बहरहाल ज़ोमैटो के इस क़दम की हर भार’तीय को सराहना करनी चाहिए।