वाशिंगटन डीसी: अमरीका और ईरान के बीच सम्बन्ध लगातार ख़राब हो रहे हैं. गत शनिवार को सऊदी अरब में सऊदी अरामको के प्लांट पर हुए ड्रोन हम’ले के बाद हालत और ख़राब हो गई है. असल में इस ड्रोन हम’ले को लेकर अमरीका ने ईरान पर निशाना साधा. अमरीका ने दावा किया कि ये हम’ला सीधे तौर पर ईरान द्वारा किया गया है. वहीँ दूसरी ओर इस हम’ले की ज़िम्मेदारी यमन के हौथी गुट ने ली है.
हौथी समूह भले ही कह रहा हो कि यमन में जो हो रहा है उसका बदला लेने के लिए सऊदी अरब अरामको पर हम’ला किया गया है लेकिन सऊदी अरब का दावा है कि ये हम’ला देश के दक्षिण नहीं बल्कि उत्तर से हुआ है. इस मामले के आने वाले दिनों में संयुक्त राष्ट्र जनरल असेम्बली में उठने की संभावना है. अब इसमें एक नया मोड़ आ गया है. अमरीकी स्टेट डिपार्टमेंट ने ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी और विदेश मंत्री को वीज़ा नहीं दिया है.
संयुक्त राष्ट्र के मेज़बान देश होने के नाते अमरीका को सभी के लिए वीज़ा जारी करना होता है परन्तु ईरानी नेताओं को वीज़ा नहीं दिया गया है. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ने कहा है कि ईरान के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री शायद जनरल असेम्बली नहीं अटेंड कर सकेंगे क्यूंकि अमरीका ने उनके लिए वीज़ा जारी नहीं किया है. अब इस मामले पर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का बयान आया है.
ट्रम्प ने कहा कि अगर ये उनके बस में होता तो वो ईरानी राष्ट्रपति और विदेश मंत्री को अमरीकी वीज़ा ज़रूर देते ताकि वो अगले हफ़्ते की यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेम्बली में शामिल हो सकें. आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र जनरल असेम्बली न्यू यॉर्क में होती है. इस वजह से अमरीका ही सभी के लिए वीज़ा जारी करता है. अगर ईरान के शीर्ष नेताओं को वीज़ा नहीं जारी होता तो ये भी तनाव में इज़ाफ़ा कर सकता है.