पश्चिम बंगाल के नतीजों ने भाजपा को परेशान तो किया ही है वहीं उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव से जो नतीजे आ रहे हैं वो भी भाजपा के लिए अच्छी खबर नहीं ला रहे हैं. इन नतीजों ने भाजपा के नेताओं की नीदें उड़ा दी हैं. अयोध्या से लेकर मथुरा और काशी सहित प्रदेश के कई जिलों में सपा ने भाजपा को ज़बरदस्त शिकस्त दी है. राम की नगरी अयोध्या में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ रहा है.
अयोध्या जनपद में कुल जिला पंचायत सदस्य की 40 सीटें हैं, जिनमें से 24 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज करने का दावा किया. साथ कहा गया है कि यहां बीजेपी को महज 6 सीटें ही मिली हैं. इसके अलावा 12 सीटों पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है. हालांकि, बीजेपी को यहां अपने बागियों के चलते करारी मात खानी पड़ी है, क्योंकि 13 सीटों पर पार्टी के नेताओं को टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे थे.
Akhilesh Yadav
वहीं, बीजेपी की ओर से दावा किया गया है कि निर्दलीय उनके साथ हैं. इस तरह से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर सपा और बीजेपी के बीच जबरदस्त घमासन होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी भाजपा की हालत चिंताजनक है. एमएलसी चुनाव के बाद भाजपा को जिला पंचायत चुनाव में भी काशी में करारी मात मिली है.
जिला पंचायत की 40 सीटों में से बीजेपी के खाते में महज 8 सीटें आई हैं. वहीं, समाजवादी पार्टी ने दावा किया है कि उसे 14 सीटों पर जीत मिली. बसपा की बात करें तो उसने यहां पांच सीटों पर जीत हासिल की है, हालांकि बनारस में, अपना दल(एस)को 3 सीट मिली हैं. आम आदमी पार्टी और ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को भी 1-1 सीट मिली है.
इसके अलावा 3 निर्दलीय प्रत्याशियों को भी जीत मिली है. भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा जिले की बात करें तो यहां भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. मथुरा में बहुजन समाज पार्टी ने बाजी मारी है. यहां पर बसपा की ओर से दावा किया गया है कि उसके 12 उम्मीदवारों ने जीत का परचम फहराया है. ऐसे ही बसपा के बाद आरएलडी ने भी दावा किया है 8 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. वहीं, बीजेपी 9 सीटों पर ही सिमट कर रह गई.
सपा को 1 सीट से काम चलाना पड़ा. 3 निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए. मथुरा में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. खुद कांग्रेस जिलाध्यक्ष चुनाव हार गए. माना जा रहा है कि मथुरा बीजेपी की हार किसानों की नाराजगी के चलते हुई है. हालांकि, बीजेपी निर्दलीय जीते जिला पंचायत सदस्यों को अपने साथ होना का दावा कर रही है.
बता दें कि बीजेपी की स्थापना के दौर से ही अयोध्या-मुथरा-काशी एजेंडे में शामिल रहा है. भाजपा ने इन तीन ज़िलों के नाम पर सियासी रोटियां ख़ूब सेंकी हैं. ऐसे में यहाँ पार्टी का कमज़ोर होना उसके लिए बुरी खबर माना जा रहा है. मथुरा में बसपा का नंबर वन पर आना यह बता रहा है कि मायावती का सियासी असर अभी खत्म नहीं हुआ है.