लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में स्मार्टफोन पर बैन लगा दिया है. इस तरह की ख़बर कल पूरे दिन मीडिया में रही. विपक्ष ने सरकार के इस फ़ैसले की आलोचना की और सरकार को रूढ़िवादी सोच वाला बताया. लगातार हो रही आलोचना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों और मंत्रियों में हलचल का दौर रहा. हालत ये हो गई कि सरकार में बैठे अधिकतर मंत्री इस विषय पर बात करने से बचने लगे.
ख़बर ये भी आयी थी कि उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर दिया है जिसके अनुसार राज्य के किसी भी यूनिवर्सिटी, कॉलेज में छात्र और अध्यापक स्मार्टफोन नहीं ला सकेंगे. सरकार का ये फ़ैसला कई वजह से आलोचना के घेरे में आया. एक बात तो ये है कि मोबाइल आज के दौर में सुरक्षा की तरह काम करता है और लड़कियों के लिए ये काफ़ी अहम् है.
दूसरी बात ये भी है कि आज के दौर में यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स मोबाइल पर बहुत कुछ जानकारी हासिल करते हैं, कक्षा में वो किसी बात का अर्थ नहीं समझ सके तो वो तुरंत इन्टरनेट पर सर्च कर लेते हैं, कई बार अध्यापक ख़ुद भी मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल जानकारी हासिल करने के लिए करते हैं. सरकार को इस विषय पर घेरते हुए कल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी योगी सरकार की आलोचना की और कहा कि आख़िर ये सरकार प्रदेश को कहाँ ले जाना चाहती है.
लगातार हो रही आलोचना के बाद देर रात समाचार एजेंसी ANI ने एक ट्वीट किया जिसके मुताबिक़ उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा निदेशालय ने उन सभी मीडिया रिपोर्ट्स को ग़लत बताया है जिसमें इस तरह के किसी भी बैन की बात की गई है. इस ट्वीट के साथ एजेंसी ने एक पत्र भी जारी किया है और कहा है कि ऐसा कोई भी आदेश जारी नहीं हुआ है. पत्र में कहा गया है कि शिक्षा बोर्ड द्वारा ऐसे कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं।
बता दें कि इससे पहले खबर थी कि इस प्रतिबंध को लेकर उच्च शिक्षा के निदेशक द्वारा सर्कुलर जारी किया गया है। जिसके अनुसार कालेजों में पूरी तरह मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। आपको बता दें कि पहले ऐसी ख़बर थी कि निदेशालय ने राज्य के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा वातावरण सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला किया है. सरकार ने पाया कि कॉलेजों में छात्र और शिक्षक बड़ी संख्या में पढ़ाई के समय मोबाइल फोन पर अपना कीमती समय व्यतीत करते हैं.