बा’बरी मस्जिद गिराने के मामले में आज एक अहम् फ़ैसला आया है. इस मामले में ट्रायल चला रहे सीबीआई के स्पेशल जज एसके यादव का कार्यकाल सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जज का कार्यकाल बढाया जा रहा है ताकि वह ट्रायल पूरा कर फैसला सुना सकें. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर समय सीमा तय की है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ट्रायल पूरा कर फैसला 9 महीने के भीतर सुनाया जाए. कोर्ट ने 6 महीने में मामले की सुनवाई पूरी करने को कहा है. इसके बाद माना जा रहा है कि इस माम्मले में फ़ैसला जल्द ही आ जाएगा. उल्लेखनीय है कि लखनऊ की सीबीआई अदालत में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 12 आरोपियों पर आपराधिक साजिश के तहत मुकदमा चल रहा है.
जस्टिस एसके यादव को 30 सितंबर को रिटायर होना था. जज का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांगा था. यूपी सरकार ने कहा है कि राज्य में किसी जज का कार्यकाल बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए कोर्ट अपने अनुच्छेद 142 के तहत अधिकार के तहत ये कर सकता है. आपको बता दें कि 6 दिसम्बर 1992 को बा’बरी मस्जिद गिरा दी गई थी.
इसको लेकर कई भाजपा नेताओं पर ये इलज़ाम लगा था कि वो मस्जिद गिराने की साज़िश में शामिल थे. आपको बता दें कि इनमें से कई बड़े नेता बन गए और कई उच्च पदों पर पहुँचे. बा’बरी मस्जि’द के गि’रने के बाद देश में बड़े स्तर पर हि’न्दू-मुस्लि’म दं’गे भी हुए थे जिसमें बड़ी संख्या में जान-माल की हानि हुई थी.