महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर सभी दलों ने अपनी अपनी ओर से तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बीच महाराष्ट्र की बड़ी पार्टी शिव सेना इस कोशिश में लगी है कि इस चुनाव में उसे मु स्लिम समाज का भी साथ मिले. यही वजह है कि शिव सेना मुस्लि म इलाक़ों में प्रचार अभियान पर नए सिरे से विचार कर रही है.
वहीं पार्टी इस कोशिश में है कि पिछली कोई भी नाराज़गी अगर समाज को है तो वो जल्दी ही दूर कर ली जाए. यही वजह है कि शिवसेना ने अपने एक नेता पर कार्यवाई की है. हालाँकि ये नेता उत्तर प्रदेश के आगरा ज़िले से हैं. अक्सर मु स्लिम समाज के ख़िलाफ़ बयान देने के लिए जाने जाने वाले आगरा ज़िला प्रमुख वीनू लवानिया को शिवसेना ने निष्कासित कर दिया है.
उन पर ताजमहल की आरती करने का एलान कर नया विवाद खड़ा करने का आरोप है। शिवसेना के प्रदेश प्रमुख ठाकुर अनिल सिंह ने जिलाधिकारी को पत्र में यह जानकारी देते हुए लिखा है कि वीनू लवानिया का पार्टी से कोई सरोकार नहीं है। पिछले दिनों वीनू लवानिया ने इस बार भी ताजमहल को तेजोमहल बताते हुए सावन के सोमवारों पर उसकी आरती करने का एलान किया था।
एएसआई ने प्रशासन से स्मारक के आसपास पर्याप्त सुरक्षा की मांग भी की थी। इस बीच शिवसेना ने इस प्रकरण से पल्ला झाड़ लिया। अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, सोमवार को शिवसेना के प्रदेश प्रमुख ठाकुर अनिल सिंह की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है कि उनकी पार्टी का न तो ताजमहल प्रकरण से और न ही वीनू लवानिया से कोई लेना देना है। वीनू लवानिया को पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया है। उन पर अनुशासनहीनता का भी आरोप था। इधर, वीनू लवानिया ने प्रदेश प्रमुख पर ही निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि ठाकुर अनिल सिंह नहीं बल्कि ललित कुमार शर्मा पार्टी के प्रदेश प्रमुख हैं। उन्हें निष्कासन के संबंध में कोई जानकारी नहीं है।