मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी उठापटक शुरू में यूँ लग रही थी कि भाजपा और शिवसेना कुछ लड़ेंगे लेकिन अंत में शिवसेना मान जाएगी. जब शिवसेना ने विधायक दल का नेता एकनाथ शिंदे को चुना तब भी ऐसा लगा कि शिवसेना अब मानने वाली है. परन्तु अभी बहुत कुछ और होना था. गहमागहमी तब तेज़ हो गई जब ये ख़बर आयी कि शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मुलाक़ात की है.
पवार से मुलाक़ात के बाद राउत ने कहा कि इसमें महाराष्ट्र की सियासत की चर्चा की गई. इसके बाद महाराष्ट्र कांग्रेस के कई बड़े नेता नई दिल्ली पहुँच गए और उन्होंने सोनिया गांधी से महाराष्ट्र के हालात पर चर्चा की. इसके बाद अब जो ख़बर आ रही है वो इस पूरे मामले की सबसे बड़ी ख़बर है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से फ़ोन पर बात की है.
सूत्रों के हवाले से मिली ख़बर से ऐसी उम्मीद की जा रही है कि ठाकरे ने पवार से महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए समर्थन माँगा होगा. एनसीपी अध्यक्ष से मुलाक़ात के बाद ठाकरे संतुष्ट नज़र आये. वहीं ये भी ख़बर है कि कल शरद पवार नई दिल्ली जा सकते हैं जहाँ वो सोनिया गांधी से मुलाक़ात करेंगे और इस विषय में चर्चा करेंगे. महाराष्ट्र कांग्रेस के अधिकतर नेता चाहते हैं कि कांग्रेस-एनसीपी को शिवसेना को समर्थन दे देना चाहिए. वहीँ एनसीपी नेत्री सुप्रिया सुले पहले ही कह चुकी हैं कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन नहीं लगने देगी.
जबसे ये ख़बर आयी है कि उद्धव ठाकरे ने शरद पवार से फ़ोन पर बात की है तब से ही भाजपा नेताओं में टेंशन महसूस की जा रही है. इस मुद्दे पर अब कोई भी बात करने से बच रहा है. भाजपा के कुछ नेता जो दोपहर तक राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कर रहे थे अब कुछ बोलने से बच रहे हैं. भाजपा को भी लगने लगा है कि मामला काफ़ी सीरियस है और अगर शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी से हाथ मिला लिया तो भाजपा के लिए ये किरकिरी की बात होगी.