तेल बाज़ार की कंपनी सऊदी अरामको ने तेल की सप्लाई बढ़ाने की घोष’णा की है। जिसके बाद सऊदी अरब और रूस के बीच बाजार में मूल्य गि’राने की होड़ बढ़ने की ड’र है। मंगलवा’र को अरामको में कहा कि वह अप्रैल में कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ाकर 1.23 करोड़ बैरल तक ले जाएगी। कंपनी ने शेयर बाजार को दी गयी सूचना में कहा कि वह “अप्रैल में अपने ग्राहकों को प्रति दिन 1.23 करोड़ बैरल तेल की आपूर्ति करेगी।” बता दें कि सऊदी अरामको दुनिया की सबसे बड़ी तेल कम्पनी है।
मौजूदा समय में वह रोज़ाना 98 बैरल तेल की सप्लाई करती है। लेकिन अप्रैल तक यह 22 लाख बैरल बढ़ जाएगा। शेयर बाजार को दिए गए बयान में कहा गया है कि “कंपनी को उम्मीद है कि इसका दीर्घकालिक वित्तीय प्रभाव अनुकूल होगा।” सऊदी अरब का कहना है कि वह रोज 1.2 करोड़ बैरल कच्चा तेल पैदा करने की हिम्मत रखता है। लेकिन अभी तक यह सुनि’श्चित नहीं हो पाया है कि वह इस स्तर को कितने लम्बे समय तक लगातार बनाए रख सकता है।
सऊदी अरब ने पहले से ही लाखों बैरल तेल बचा कर रखा है ताकि ज़रूरत पड़ने पर आपू’र्ति बढ़ाने में वह इसका उपयोग कर सके। शुक्रवा’र को हुई एक बैठक में सऊदी अरब तेल के उत्पादन में क’टौती की योजना पर सहमति न बनने से नाराज हो गया था। तेल उत्पादक एवं निर्यातक देशों के संगठन और अन्य की बैठक में सऊदी अरब खास तौर पर रूस के साथ सहमति न बनने पर नाराज़ था। जिसके बाद सऊदी अरब ने पहली अप्रैल से तेल के दाम घटाने की घोष’णा कर दी है। कोरोना वाय’रस के फैलने के ड’र से भी तेल की मांगों पर और असर पड़ने की संभावना है।
अभी भी कोरोना वाय’रस के प्रको’प से तेल की मांग नरम है जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। सोमवा’र से सऊदी अरब के इस फैस’ले से दुनिया भर में कोह’राम मचा हुआ था। लेकिन मंगलवा’र को तेल और शेयर बाजारों की हालत में सुधा’र दिखा। जिससे लोगों ने राहत की सांस ली।