भारत के कई उद्योगपतियों का नाम दुनिया भर में मशहूर है. हम आज आपको देश के ऐसे ही एक उद्योगपति के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका नाम पूरी दुनिया में मशहूर है. ये उद्योगपति कोई और नहीं बल्कि अज़ीम हसन प्रेमजी हैं. प्रेमजी ने हाल ही में एक बड़ा फ़ैसला लिया है. इस फ़ैसले के बाद से ही विप्रो को लेकर चर्चाएँ बढ़ गई हैं. असल में ख़बर है कि वो अब अपनी कम्पनी की कमान अपने बेटे को देने जा रहे हैं.
उनके बेटे का नाम रिषद है. रिषद को ये ज़िम्मेदारी देने का फ़ैसला अज़ीम प्रेमजी काफ़ी पहले कर चुकी थे. आपको बता दें कि आज विप्रो भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है. प्रेमजी ने २१ साल की उम्र में इस ज़िम्मेदारी को संभाला था और आज विप्रो को 83 हज़ार करोड़ की कम्पनी बना दिया है. अगर प्रेमजी के इतिहास की बात करें तो उन्होंने अपना व्यापार खाने में प्रयोग होने वाले तेल से किया था. उसके बाद उन्होंने कई तरह के प्रोडक्ट्स बेचे. आज विप्रो कई तरह के कारोबार में है. एक समय के बाद उन्होंने अपने शुरूआती काम छोड़कर सॉफ्टवेयर का काम शुरू किया.
उनका ये फ़ैसला काफ़ी कारगार हुआ और वो लगातार बढ़ते चले गए. आज वो इस पोजीशन में हैं कि लोग उनके जैसा बनना चाहते हैं. ख़बरों के मुताबिक़ प्रेमजी ३० जुलाई तक अपने पद पर रहेंगे और उसके बाद वो रिटायरमेंट ले लेंगे. हालाँकि वह निदेशक मंडल के तौर पर कंपनी को अपनी सेवा देते रहेंगे. विप्रो की बुनियाद सन 1980 में रखी गई थी. अज़ीम प्रेमजी ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है.
वो पढ़ाई कर ही रहे थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया जिसके बाद उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में छोडनी पद गई और वो अपने पिता का व्यापार संभालने लगे. ये तब की बात है जब उम्र काफ़ी कम थी. तब उनके रिश्तेदारों को लगता था कि पता नहीं अज़ीम प्रेमजी व्यापार संभाल पायेंगे या नहीं लेकिन उन्होंने कर के दिखा दिया. उनके बारे में कहा जाता है कि वो काफ़ी सभ्य व्यक्ति हैं और फ़िज़ूल दिखावे में यकीन नहीं रखते. वो आज भी हवाई जहाज़ के इकॉनमी क्लास से सफ़र करते हैं.