ओवैसी के विधायक टूटे तो राजद बनी सबसे बड़ी पार्टी, साथ ही मुस्लिम विधायकों की..


पटना: बिहार की सियासत में कल एक बड़ी हलचल हुई. AIMIM से जुड़े पाँच विधायकों में से चार ने कल राजद का दामन थाम लिया. ये AIMIM के लिए तो बड़ा झटका है ही साथ ही भाजपा और जदयू के लिए भी चिंता की ख़बर है. बिहार में जब विधानसभा चुनाव हुए थे तो सबसे बड़ी पार्टी राजद बनी थी लेकिन बाद में विकासशील इंसान पार्टी के सभी तीन विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया और भाजपा 77 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन गई.

राजद की कुल सीटें तब 75 थीं, एक उपचुनाव में जीत हासिल कर राजद की संख्या 76 हो गई और अब 4 AIMIM के विधायकों ने राजद का दामन थाम लिया. इसके साथ ही राजद की अब 80 सीटें हो गई हैं. राजद को आज के दौर में इसके समर्थक ‘ए टू ज़ेड’ पार्टी कहते हैं. पार्टी से जुड़े लोगों का दावा है कि ये हर तबक़े को अपने साथ जोड़ रही है.

राजद ने बिहार में जिस तरह से विपक्ष की भूमिका निभाई है उसकी तारीफ़ उसके आलोचक भी कर रहे हैं. राजद के नेता तेजस्वी यादव खुलकर राजनीति करते हैं और इसका फ़ायदा पार्टी को होता है.

राजद के 12 मुस्लिम विधायक..
2020 विधानसभा चुनाव में राजद के 75 में से 8 मुस्लिम विधायक चुन कर आए थे. अब राजद के 12 मुस्लिम विधायक हो गए हैं. भाजपा और जदयू से कोई भी मुस्लिम विधायक बिहार में नहीं है. कांग्रेस के 4 विधायक मुस्लिम धर्म से ताल्लुक़ रखते हैं. बिहार विधानसभा में कुल 20 मुस्लिम विधायक हैं जिनमें से 12 राजद, 4 कांग्रेस, एक AIMIM, 2 सीपीआई और बसपा का एक विधायक मुस्लिम धर्म से ताल्लुक़ रखते हैं.

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