इस्तांबुल: तुर्की ने उत्तरी सीरिया में अपना ऑपरेशन पीस स्प्रिंग शुरू कर दिया है. इस ऑपरेशन के बारे में तुर्की का कहना है कि ये ऑपरेशन आतंकवाद के ख़ात्मे के लिए ज़रूरी है. वहीँ दूसरी ओर इसकी आलोचना भी कई देशों ने की है. आलोचना करने वाले देशों में सऊदी अरब और उसके साथी देश भी शामिल हैं.
इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एरदोगन ने साफ़ कर दिया कि वो इन आलोचनाओं से अपना मन नहीं बदलने वाले हैं. नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्तोल्तेंबेर्ग ने लेकिन तुर्की के इस ऑपरेशन को जायज़ क़रार दिया है. नाटो के सेक्रेटरी जनरल ने कहा कि तुर्की ने क्षेत्रीय अस्थिरता का सबसे बड़ा ख़ामियाज़ा भुगता है. उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय को चाहिए कि सस्टेनेबल सलूशन ढूँढे.
वो तुर्की के विदेश मंत्री मेव्लुत चावुसुग्लू के साथ एक प्रेस वार्ता को इस्तांबुल में संबोधित कर रहे थे. स्तोल्तेंबेर्ग ने कहा कि तुर्की एक बहुत ही वोलेटाइल क्षेत्र में हैं, नाटो का कोई दूसरा सहयोगी इस तरह की अस्थिरता को नहीं झेल रहा है. विदेश मंत्री चावुस्ग्लू ने कहा कि हमारी बात को समझना ही ज़रूरी नहीं है बल्कि तुर्की उम्मीद करता है कि उसके सहयोगी उसके साथ खड़े होंगे.
बुधवार की शाम तुर्की के फाइटर जेट ने YPG के ठि’कानों पर हम’ला किया. ल’ड़ाकू विमान ३० किलोमीटर अन्दर तक सीरिया में गए. आपको बता दें कि तुर्की के YPG ठिका’नों पर ह’मला करने के निर्णय से अमरीका ख़ुश नहीं है. इसको लेकर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी ट्वीट किया था. कूटनीतिक तौर पर तुर्की ने इस बात का ख़याल रक्खा है कि वो सभी लीगल कार्यवाई पूरी करे.