अस्सलाम ओ अलैकुम दोस्तों, दुनिया में हमने ऐसे बहुत से वाकये सुने हैं जिनमें हमने कुछ ऐसा देखा है जो कॉमन से अलग है. आज हम आपको कुछ इसी तरह के वाकये के बारे में बताने जा रहे हैं. आम इंसान की बात करें तो उन्हें ड’र लगता है लेकिन क़ुरान पाक में इस बारे में आया है कि अल्लाह के वालियों को न तो किसी का कोई ड’र होता है. उन्हें किसी तरह का कोई खदशा नहीं होता है. दोस्तों, अल्लाह के वली इस दुनिया में जब तक रहते हैं सभी के साथ मुहब्बत और अमन से पेश आते हैं.
अल्लाह के वली कभी किसी को तकलीफ़ न देते हैं. आज तक दुनिया में जितने भी वली तशरीफ़ लाये हैं,कभी किसी ने किसी को तकलीफ नहीं पहुंचाई है,सभी से मुहब्बत की है. वह किसी का मजहब भी नहीं देखते हैं,किसी भी मजहब का इंसान उनके पास आता है,वह सब के साथ एक जैसा सलूक करते हैं और सभी से प्यार करते हैं।अल्लाह के वली इस दुनिया में लोगों को बुराई से रोकने के लिए आते हैं,और अल्लाह ताला उन्हें ज़मीन के जिस भी हिस्से में भेजता है,वह वहीं चले जाते है.
हज़रत ख्वाजा ग़रीब नवाज़ रहमतुल्ला अलैहि संजर में पैदा हुए लेकिन उन्हें ये हुक्म हुआ कि हिंदुस्तान जाओ और वो हिंदुस्तान चले आये. उन्होंने यहाँ लोगों को अच्छी बातें सिखाएँ. वो हमेशा ही हिंदुस्तान में रहे. उन्हें आज भी लोग बहुत सम्मान देते हैं. आज भी लोग उनकी मज़ार पर जाते हैं. फैज पाते हैं।दोस्तों ऐसे ही एक बुज़रुग मुंबई शहर में हैं, जिन्हें हाजी अब्दुल रहमान मलंग के नाम से लोग जानते हैं.
ये तो हम सभी जानते हैं कि आप की मज़ार पर हमेशा भीड़ लगी रहती है,आप की वालदा मोहतरमा अरब की रहने वाली थीं और उन्होने मन्नत मांगी थी कि मेरा जो भी बेटा होगा, वह मैं अल्लाह ताला की राह में दे दूँगी,जब हज़रत हाजी अब्दुल रहमान मलंग पैदा हुये तो उन्होने अल्लाह के राह में आप को वक्फ कर दिया. आगे चल कर यह अल्लाह के वली हुये.आप हमेशा लोगों से मोहब्बत करते थे. इंसान तो इंसान है आप तो जानवरों से भी ख़ूब मुहब्बत करते थे. यही वजह है कि आपकी मजार पर आज भी शेर आता है लेकिन किसी को नुकसान नहीं पहुंचता है.