नई दिल्ली: बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को ह’टा दया है. राष्ट्रपति के आदेश के बाद ऐसा किया गया. इसके अतिरिक्त सरकार ने कुछ और ब’ड़े फ़ै’सले लिए हैं. सरकार ने जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया है. अब लद्दाख भी केंद्र शासित प्रदेश होगा जबकि जम्मू-कश्मीर भी केंद्र शासित प्रदेश ही होगा. परन्तु जम्मू-कश्मीर की अपनी विधानसभा होगी और लद्दाख की न’हीं होगी.
आपको बता दें कि लम्बे समय से लद्दाख के लोगों की माँ’ग थी कि उनके क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिले. आइए जानते हैं लद्दाख के बारे में कुछ विशेष बातें. लद्दाख उत्तर में काराकोरम पर्वत और दक्षिण में हिमालय पर्वत के बीच में है. लद्दाख के उत्तर में चीन तथा पूर्व में तिब्बत की सी’माएं हैं. इसका कई मामलों में महत्त्व है. लद्दाख की राजधानी एवं प्रमुख नगर लेह है. लद्दाख क्षेत्रफल के हिसाब से काफ़ी बड़ा है परन्तु आबादी थोड़ी ही है.
लद्दाख क्षेत्र की आबादी लेह और करगिल जिलों के बीच आधे हिस्से में वि’भाजित है. 2011 की जनगणना के अनुसार है, करगिल की कुल जनसंख्या 140,802 है जिसमें 76.87% आबादी मुस्लिम है. जबकि लेह की कुल जनसंख्या 133,487 है जिसमें 66.40% बौद्ध हैं. इस हिसाब से लद्दाख की कुल जन संख्या 2,74,289 लाख है. लद्दाख के लिए सिन्धु नदी का विशेष महत्व है.
लेह के आसपास के निवासी अधिकतर तिब्बती पूर्वज वाले बौद्ध लोग हैं. इस क्षेत्र में मुस्लिम आबादी शिया समुदाय से ताल्लुक़ रखती है.उल्लेखनीय है कि 1979 में लद्दाख को कारगिल व लेह जिलों में बां’टा गया. लद्दाख मध्य एशिया से कारोबार का एक बड़ा गढ़ था. सिल्क रूट की एक शाखा लद्दाख क्षेत्र से होकर गुज़रा करती थी.