नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में राजनीतिक सं’कट गहराया हुआ है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर संक’ट के बादल छाये हुए हैं और अब कोई करिश्मा ही कांग्रेस की कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को बचा सकता है.असल में ये सं’कट तब उबर आया जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बग़ावत कर दी. सिंधिया की बग़ावत में उनके साथ 19 विधायकों ने साथ दिया और ये सभी बेंगलुरु ले जाए गए. हालाँकि इसमें कहीं से भी दो राय नहीं है कि सिंधिया ये सब भाजपा के इशारे और सहयोग से कर रहे थे.
जहां मैच की पहली बाज़ी सिंधिया और भाजपा के पाले में रही वहीँ कांग्रेस अब पूरी तरह से मुक़ाबला करने के मूड में है. इस बीच एक ऐसी ख़बर आयी है जिसने भाजपा नेताओं को मुश्किल में डाल दिया है. बेंगलुरु में ठहरे 10 विधायक और 2 मंत्री भाजपा के साथ जाने को तैयार नहीं हैं. इन नेताओं का कहना है कि हम ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए आये थे, भाजपा के लिए नहीं. इस बीच ऐसी भी ख़बर आ रही है कि मध्य प्रदेश भाजपा में ज़बरदस्त खींचतान शुरू हो गई है.
मंगल के रोज़ भाजपा कार्यालय में नरोत्तम मिश्रा के समर्थन में नारे लगे. वहीँ अब सवाल शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व पर भी उठ रहे हैं. ख़बर ये भी है कि कांग्रेस के वो विधायक जो बेंगलुरु में हैं वो भी अपनी भूमिका को लेकर उलझन में हैं. समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने कहा कि कांग्रेस ल’ड़ाई के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नैतिकता को कोई भी नीचे नहीं कर सकता है, पार्टी के पास 94 विधायक हैं.ख़बर है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भोपाल में सिंधिया मुर्दाबा’द के नारे भी लगाए. इस बीच कमलनाथ ने बयान दिया है कि सरकार पर किसी तरह का कोई ख़त’रा नहीं है.
आपको बता दें कि ये संक’ट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बग़ावत करने से आया है. सिंधिया ने कांग्रेस से इस्ती’फ़ा दे दिया है जबकि पार्टी ने सूचना दी कि उन्हें निकाल दिया गया है. सिंधिया के इ’स्तीफ़ा देते ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता उनके ख़िला’फ़ बयान देने लगे. जानकार मानते हैं कि सिंधिया को राज्यसभा सीट और केंद्रीय मंत्री पद मिल सकता है, साथ ही ऐसी भी उम्मीद है कि जब भाजपा सरकार बने तब सिंधिया ख़ेमे से एक उप-मुख्यमंत्री बनाया जाए.
मध्यप्रदेश के राजनीतिक हालात पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कुछ तो मजबूरियां रही होंगी वरना कोई यूं ही बेवफा थोड़ी होता है। कांग्रेस से जाने वाले लोग हमेशा हमने देखा है कि वो गुर्राते हुए जाते हैं और दुम दबाकर आते हैं और ऐसे अनेक उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार अपने पूरे पाँच साल करेगी और अभी कमलनाथ की चाले बाक़ी हैं.