लाख आलोचनाओं के बाद भी शाहिद कपूर और कायरा आडवाणी की फ़िल्म कबीर सिंह बॉक्स ऑफ़िस में नए आँकड़े छू रही है। इस फ़िल्म के ट्रेलर आने के बाद से ही सोशल मीडिया में फ़िल्म की कड़ी आलोचना शुरू हो गयी थी। बुद्धिजीवी एक ओर इस फ़िल्म को न देखने की बात कह रहे थे और साथ ही ये भी बता रहे थे कि कबीर सिंह किस तरह से अपनी ज़िंदगी में व्यवहार करता है और अपनी प्रेमिका के साथ उसका व्यवहार कैसा है।
ये बातें जहाँ एक ओर फ़िल्म न देखने के लिए कही जा रहीं थीं लेकिन ये बातें फ़िल्म के लिए वरदान साबित हुई क्योंकि लोगों के मन में ये बातें उत्सुकता जगाने लगी और लोग इस फ़िल्म को देखने के लिए और जाने लगे। वैसे फ़िल्म को पसंद करने वाले लोगों की भी काफ़ी बड़ी संख्या है और वो शाहिद के किरदार की तारीफ़ में क़सीदे पढ़ने लगे। वैसे ऐसी फ़िल्मों का चलना और इतनी बड़ी कमाई करना ही ये दिखाता है कि हमारा समाज किस तरह के किरदार को अपना रोल मॉडल या अपना हीरो मानता है।
ख़ैर कबीर सिंह को लेकर ये विवाद थमा ही था कि कबीर सिंह फ़िल्म के डायरेक्टर संदीप रेड्डी के बयान ने सोशल मीडिया में एक नयी ब’हस शुरू कर दी। अपने एक इंटर्व्यू में संदीप रेड्डी ने फ़िल्म में दिखाए कबीर सिंह के किरदार की हिं’सा को सही ठहराते हुए कहा कि अगर कोई इंसान प्यार में है तो उसे ये हक़ होता है कि वो जब चाहे अपनी प्रेमिका को जैसे चाहे छू सके, प्यार कर सके, किस कर सके और मा’र सके..अगर इस तरह की आज़ादी उसे न हो तो फिर वहाँ प्यार की कोई फ़ीलिंग नहीं होती।
उनके इस बयान पर सोशल मीडिया में कई मशहूर हस्तीयों ने आपत्ति जतायी जहाँ इन महिलाओं को सामना करना पड़ा संदीप रेड्डी के फ़ैन्स का जिन्होंने अपने अन्दाज़ में महिलाओं को ट्रो’ल करने की कोशिश की। साउथ की फ़िल्मों से जुड़ी जिन ऐक्ट्रेस ने विरोध जताया उनकी फ़िल्म के सीन को दिखाकर उन्हें डबल स्टैंडर्ड रखने की बात कही गयी। वैसे डायरेक्टर का बयान सिरे से ख़ारिज करने वाला है जैसा इस फ़िल्म के साथ होना चाहिए थे, लेकिन जिस तरह से डायरेक्टर संदीप रेड्डी के बचाव में लोग आए और न सिर्फ़ अर्जुन रेड्डी बल्कि कबीर सिंह भी सुपर हिट हुयी।

इस बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि समाज का रुझान किस ओर है। ख़बरें तो ये भी थीं कि बच्चे तक अपनी उम्र बदलकर फ़िल्म देखने जाना चाह रहे थे..जिस तरह की सोशल नेट्वर्किंग साइट्स का जा’ल फैला है बच्चों तक भी ये फ़िल्म पहुँच ही जाएगी और उसके बाद किशोर मन प्रेम को लेकर किस तरह की धारणा पालेगा इसका जवाब देने न तो डायरेक्टर संदीप रेड्डी आएँगे और न ही फ़्लॉप होते करियर को बचाने के लिए ऐसी फ़िल्म करते शाहिद।