इतवार की रात जो ताण्डव गुण्डों ने जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी में म’चाया उसके बाद ऐसा लग रहा है कि देश के छात्र कहीं भी सेफ़ नहीं हैं. इस हिं’सा के जो विडियो और फ़ोटो सामने आये हैं उससे शक की सुई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ABVP) पर भी आ रही है. ABVP भारतीय जनता पार्टी का छात्र संगठ’न है. इसमें ह’मले में JNUSU की अध्यक्षा आईशी घोष को भी गंभीर चो’टें लगीं और साथ ही कई और छात्रों को बुरी तरह से चो’ट आयी. कुछ अध्यापकों को भी गंभीर चो’टें आयी हैं.
जो छात्र नेता घायल हुए हैं वो लेफ़्ट विंग के हैं लेकिन ABVP जोकि एक दक्षिणपंथी संगठन है वो अपने बचाव में कह रहा है कि ये सब कांग्रेस, वामपंथी संगठनों ने किया है. मीडिया का एक गुट भी इसी कोशिश में लग गया है कि वो किस तरह से ABVP को भला साबित कर ले. सवाल कई हैं, एक सवाल ये भी है कि अगर ABVP के लोगों को चो’ट आयी है, हम’ला लेफ़्ट के लोगों ने किया है तो वो VC का इस्तीफ़ा क्यूँ नहीं माँग रही.
ABVP ये क्यूँ नहीं कह रही है कि जो लोग नक़ाब पहन कर आये थे उनकी पहचान की जाए. सवाल ये भी है कि प्रशासन क्या कर रहा था? छात्रों पर जब इस तरह से ख़तर’नाक हम’ला हो रहा था तो यूनिवर्सिटी के अन्दर की सुरक्षा व्यवस्था क्या कर रही थी. JNU के गेट पर कोई भी अन्दर जाता है तो पहले उसका आई-कार्ड चेक होता है, अगर वो छात्र नहीं है तो उसको किसी अन्य छात्र का रेफ़रन्स देना होता है और उससे फ़ोन पर बात करानी होती है.
पुलिस गेट पर खड़े होकर उन लोगों को क्यूँ रोक रही थी जो अन्दर जाकर छात्रों की मदद करना चाहते थे. पुलिस ने छात्रों की ओर से आ रही शिकायतों को क्यूँ नहीं सुना और मदद क्यूँ नहीं पहुंचाई. अब सवाल ये है कि अगर इस तरह की घटना हुई है तो क्या ज़िम्मेदारी के नाते VC को इस्तीफ़ा नहीं देना चाहिए.