तेल-अवीव: इज़राइल में राजनीतिक संकट अभी भी बना हुआ है. एक साल के अन्दर हुए दूसरे चुनाव के बाद से ही राजनीतिक संकट की स्थिति बनी हुई है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की पार्टी लिकुद सरकार बनाने में नाकाम रही है और उनके विरोधी ब्लू एंड वाइट पार्टी के बेनी गैन्त्ज़ के पास मौक़ा है कि वो सरकार बना लें. सरकार बनाने को लेकर ब्लू एंड वाइट और लिकुद में कई बातचीत हो चुकी हैं.
इस बीच नेतान्याहू और बेनी गैन्त्ज़ के बीच सरकार बनाने को लेकर एक बातचीत हुई है. इस बातचीत के बाद नेतान्याहू ने कहा कि मुझे अफ़सोस है कि आज मुझे ऐसा लगा कि गैन्त्ज़ राष्ट्रपति के प्रस्ताव को नहीं मानेंगे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चाहते हैं कि ब्रॉड यूनिटी सरकार देश में स्थापित हो. नेतान्याहू ने कहा कि गैन्त्ज़ माइनॉरिटी सरकार बनाना चाहते हैं जो जॉइंट अरब लिस्ट के परिहार पर निर्भर करेगी.
वहीँ गैन्त्ज़ ने कहा कि मैंने बार बार ये कहा है कि इज़राइल को व्यापक यूनिटी की सरकार चाहिए जिसमें दो बड़ी पार्टियाँ हों और जिसका नेतृत्व ब्लू एंड वाइट पार्टी करे. उन्होंने आगे कहा कि तीसरी बार मतदान होना बुरी चीज़ है लेकिन बुनियादी सिद्धांत का त्याग नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि हम कोशिश करेंगे कि एक सहमति पर पहुंचें जिससे कि महंगे चुनाव से बचा जा सके.
आपको बता दें कि बेंजामिन नेतान्याहू और उनके समर्थक चाहते हैं कि उनके ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के केस में कार्यवाई न हो. यही शर्त लिकुद बार बार ब्लू एंड वाइट के सामने रख रही है जिसे ब्लू एंड वाइट मानने को तैयार नहीं है. नेतान्याहू दूसरी ओर अरब जॉइंट लिस्ट को ‘टेरर फंडिंग पार्टी’ कह रहे हैं. माना जा रहा है कि नेतान्याहू के पास अब 48 घन्टे हैं.अगर इस दौरान बैनी गैन्त्ज़ अरब जॉइंट लिस्ट के साथ मिलकर सरकार बनाते हैं तो नेतान्याहू के लिए राजनीतिक अस्तित्व की समस्या आ जाएगी.
उल्लेखनीय है कि दक्षिणपंथी नेता बेंजामिन नेतान्याहू के विरोधी बैनी गैंट्ज़ की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी 17 सितम्बर को हुए आम चुनाव में 33 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है, जबकि नेतनयाहू की लिकुद पार्टी केवल 31 सीटें ही जीत सकी है। जबकि अरब गठबंधन को 13 सीटें प्राप्त हुई हैं और वह सबसे अधिक सीटें जीतने में तीसरे नम्बर पर है।