COVID-19 ने इस समय पूरी दुनिया में क़’हर म’चाया हुआ है. पश्चिम एशिया में भी इस वाय’रस ने अपना असर दिखाया है और ईरान, सऊदी अरब के साथ साथ इज़राइल जैसे देशों पर अपना असर दिखाया है. क्षेत्र की बात करें तो ईरान के बाद सबसे अधिक असर इज़राइल में ही देखने को मिल रहा है, वो भी तब जबकि इज़राइल ये दावा करता रहा है कि उसका स्वास्थ विभाग बहुत मज़बूत है. इज़राइल में 9 हज़ार से भी अधिक लोग संक्र’मित हुए हैं जबकि इज़राइल के 72 लोगों की जान इस वा’यरस ने ले ली है.
इज़राइल में इस बीमारी का उप्रिकेंद्र ‘बनी ब्रिक; है, ये राजधानी तेल अवीव के पूरब में पड़ने वाला एक शहर है. ये एक क’ट्टर रूढ़िवादी य’हूदी बाहुल्य क्षेत्र है जिन्हें हरेदिम कहा जाता है. एक अनुमान के मुताबिक़ शहर में 2 लाख की आबादी है और इनमें से 40% संक्रमि’त हैं. अगर सही से टेस्टिंग हो तो जो संख्या सरकार बता रही है मामले उससे कहीं अधिक हो सकते हैं.
एक अन्य रिपोर्ट में ये कहा जा रहा है कि हरेदिम इज़राइल की कुल आबादी का महज़ 10% हैं लेकिन कुल सं’क्रमित लोगों में इस समाज के ही 50% हैं. ये बात ज़रूर है कि कहीं न कहीं समुदाय के नेताओं ने ख़तरे को महसूस करने में देर की लेकिन कहीं न कहीं इसमें सरकार की तरफ़ से भी सूचनाएँ ठीक तरह से नहीं पहुँचाई गईं. अब इज़राइल की मीडिया का एक बड़ा गुट इस तरह का माहौल तैयार कर रहा है कि सारी ग़लती हरेदिम की है. असल में हरेदिम को लेकर इज़राइल के आधुनिक समाज में अच्छी सोच नहीं है.
एक सर्वे में इस तरह से भी रिपोर्ट आयी कि क़रीब 30 प्रतिशत इज़राइली नागरिक हरेदिम को बुरी भावना से देखते हैं. अब जबकि को’रोना वायर’स की चपेट में इस समुदाय के लोग बड़ी संख्या में आये हैं तो लोकल मीडिया के एक गुट को मौक़ा मिल गया है कि वो इस मौक़े पर भी अपनी रोटी सेंक ले. जहां मीडिया ने इस तरह का माहौल बनाया तो हरेदिम के अपने नेताओं ने भी निंदनीय बयान दिए.समाज के कई नेताओं ने ऐसे निंदनीय बयान दिए जिसके बाद हरेदिम समुदाय के कुछ लोगों ने पुलिस पर थूकना और खांसना शुरू कर दिया.
Social media videos show Ultra-Orthodox Jews in the Israeli town of Bnei Brak coughing on police and calling them “murderers” and “Nazis” amid efforts by the government to combat the spread of #coronavirus.#Israel #COVID_19https://t.co/hTDHWIGgzf pic.twitter.com/kTnGH47b0h
— Al Arabiya English (@AlArabiya_Eng) April 4, 2020
इज़राइल के स्वास्थ मंत्री याकोव लित्ज़मैन जोकि ख़ुद इसी कम्युनिटी के हैं उनको भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. उन्होंने ख़ुद भी सोशल डिस्टेंसिंग को नहीं फॉलो किया था. उनको उम्मीद थी कि यहूदी देश को इस वा’यरस से बचाने के लिए मसीहा आएगा पर ऐसा न हुआ और वो ख़ुद इसकी चपेट में आ गए हैं. इससे ये अर्थ ज़रूर निकाला जा सकता है कि हरेदिम समाज को लगता था कि उसको इस बीमारी से बचाने के लिए कोई मसीहा आएगा और इसके पीछे कई राजनीतिक और धार्मिक नेताओं के बयान रहे. इसका ये भी अर्थ है कि समाज के आम लोगों को जिन लोगों को सही सलाह देनी थी वो उल्टा ग़लत सलाह दे रहे थे.