तेल एक ऐसा ऊर्जा-स्त्रोत है जिसको लेकर कई सारी जं’गे भी हुई हैं. ये अलग बात है कि अलग-अलग देश कोई और बहाना कर के तेल-रिच देशों में घुसते हैं लेकिन उनका मक़सद तेल हासिल करना ही होता है. तेल के सबसे बड़े भण्डार पश्चिम एशिया जिसे मध्य-पूर्व के नाम से भी जाना जाता है, में हैं. मध्य पूर्व के सऊदी अरब, ईरान, इराक, व संयुक्त अरब अमीरात में सबसे बड़े तेल के भंडार हैं। दुनिया भर के कुल कच्चे तेल का 40 प्रतिशत उत्पादन ओपेक देश करते हैं।
ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज़ (ओपेक) और अमेरिकी एनर्जी इनफार्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन के डेटा के अनुसार दुनिया भर के प्रामाणिक तेल भंडार का 82 प्रतिशत तेल इन देशों के पास है। ओपेक में शामिल देश हैं- सऊदी अरब, अल्जीरिया, अंगोला, कांगो, इक्वाडोर, इक्वेटोरियल गिनी, गोबेन, ईरान, ईराक़, लीबिया, कुवैत, नाइजीरिया,संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला। पहले इनमें क़तर और इंडोनेशिया भी शामिल थे। लेकिन उन्होंने अपने आप को अब ओपेक देशों से अलग कर लिया है।
तेल उत्पादन क्षमता में क्रूड ऑयल, शेल ऑयल, आयल सैंड्स, नेचुरल गैस लिक्विडस, और कंडेसेन्ट्स शामिल हैं। ये दस देश हैं। ब्राज़ील की बात करें तो वैश्विक तेल उत्पादन में ब्राज़ील की 2.8 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। और ब्राज़ील इन देशों में दसवें स्थान पर है। 3.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ कुवैत वैश्विक तेल उत्पादन में नौवें स्थान पर है। जबकि आठवें स्थान पर चीन की हिस्सेदारी 4 प्रतिशत की है। और सातवें स्थान पर यूएई की हिस्सेदारी 4.2 प्रतिशत की है।
वहीं वैश्विक तेल उत्पादन में 4.9 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ ईराक़ छठे स्थान पर है। जबकि 5 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ ईरान तेल उत्पादन में पांचवें स्थान पर है। और 5 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ कनाडा चौथे स्थान पर है। वहीं दूसरी ओर शीर्ष के तीन स्थानों पर रूस 12.1 प्रतिशत के साथ खड़ा है। तो सऊदी अरब 13 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर काबिज़ है। और 16.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ अमेरिका वैश्विक तेल उत्पादन में पहले स्थान पर अपना अधिकार जमा हुए है।