हाल ही में सीरिया के उत्तरी क्षेत्र से अमरीका ने अपनी फ़ौज हटाने का फ़ैसला किया। इसके बाद कुछ अमरीकी फ़ौजियों को ईराक़ ले जाया गया। सीरिया से अमरीकी फ़ौज इसलिए भी जल्दी हटने लगी क्यूँकि तुर्की ने उत्तर-पूर्व सीरिया में अपना ऑपेरशन पीस स्प्रिंग शुरू कर दिया। अमरीका ने अपने फ़ौजियों के ईराक़ में रुकने को लेकर कहा था कि ये कुछ वक़्त के लिए है।
परंतु बाद में अमरीका ने कहा कि इस्लामिक स्टेट दुबारा प्रभावी न हो इसलिए सैनिक ईराक़ में रुकेंगे। अब ईराक़ ने इस विषय में ऐसा बयान दिया है जिसके बाद बहुत सी बातें सामने आ रही हैं। ईराक़ के विदेश मंत्री ने साफ़ कह दिया है कि अमरीकी फ़ौज को ईराक़ में रकने का कोई अधिकार नहीं है। उनके बयान से साफ़ है कि अमरीका को अब अपनी फ़ौज ईराक़ से हटानी पड़ेगी।
ईराक़ी विदेश मंत्री के बयान से ये भी साफ़ है कि अब अमरीका के पास पश्चिम एशिया में अच्छे दोस्त नहीं बचे हैं। ईराक़ के रक्षा मंत्री नजह अल शम्मारी ने एक समाचार एजेंसी से कहा कि अमरीका की फ़ौज को ईराक़ चार हफ़्ते के अंदर छोड़ना होगा। वहीं ईराक़ के प्रधानमंत्री ने बुधवार को कहा कि अमरीकी फ़ौज के ईराक़ में घुसने को लेकर सभी अंतरराष्ट्रीय क़दम उठाए जाएँगे।
प्रधानमंत्री आदिल अब्दुल मेहदी ने कहा कि हमने पहले ही इस बारे में आधिकारिक बयान जारी कर दिया है और हम सभी अंतरराष्ट्रीय क़दम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय कम्युनिटी और संयुक्त राष्ट्र से भी इस मामले में कहा है कि वो अपने दायित्व को निभाएँ।यहाँ ये बात ध्यान देने वाली है कि हाल ही में अमरीकी डिफेन्स सेक्रेटरी मार्क इसपर ने कहा था कि अमरीकी फ़ौज ईराक़ में रुकेगी.