अमरीका और ईरान के बीच सम्बन्ध अपने निच’ले स्तर पर हैं. आपको बता दें कि अमरीका और ईरान के बीच पहले से ही डिप्लोमेटिक स’म्बन्ध नहीं हैं. राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में इसको स्थापित करने की कोशिश की गई थी लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ओबामा के किए धरे पर पानी फेर दिया. वो एतिहासिक ईरान नुक्ले’अर डील से बाहर आ गए जिसके बाद स्थिति बिग’ड़ती ही चली गई.
अमरीका और ईरान के बीच स’म्बन्ध तब और ख़रा’ब हो गए जब अमरीका ने ईरान के टॉप कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी की ह’त्या कर दी. इसके बाद ईरान ने भी बद’ले की कार्यवाई करते हुए ईराक़ में अमरीकी बेस पर हम’ला बोल दिया. राकेट से हुए इस हम’ले में अमरीका ने दावा किया कि कोई ह’ताहत नहीं हुआ जबकि ईरान ने दावा किया कि 80 अमरीकी सै’निक इसमें मा’रे गए.
इसी दिन ईरान ने ग़’लती से एक पैसेंजर प्लेन को शूट कर दिया. मिसा’इल के लगने की वजह से प्लेन ने आग पकड़ ली और कुछ ही देर में ये राख का ढेर बन गया. इसमें मौजूद सभी यात्री मा’रे गए. पहले ईरान ने नहीं माना लेकिन बाद में माना कि ये उसकी से’ना की ग़’लती से हो गया है. इसके बाद ईरान में इसको लेकर ग़ु’स्सा निकल आया और लोग सड़’कों पर उनके ख़िला’फ़ कार्यवाई की माँग करने लगे जिन अधिकारीयों ने ग़लती से ही सही लेकिन पैसेंजर प्लेन पर मिसा’इल दा’ग दी.
अब ख़बर है कि एक बार फिर ईरान ने अमरीकी बेस पर हम’ला कर दिया है. मंगल के रोज़ ईरान ने ईराक़ स्थित एयरबे’स पर हम’ला किया. ये अमरीकी सै’निकों का अड्डा है. अभी तक की ख़बर के मुताबिक़ किसी के इस हम’ले में हता’हत होने की ख़बर नहीं है लेकिन त’नाव एक बार फिर बढ़ गया है. ईराक़ भी अमरीका से ख़ुश नहीं है लेकिन ईराक़ की सरकार चाहती है कि उसका देश किसी क्षेत्रीय यु’द्ध का सेंटर न बने.