इस समय पूरी दुनिया में कोरो’नावा;यरस ने ऐसा क़हर ढाया है कि विकासशील ही नहीं विकसित देशों की स्वास्थ व्यवस्था की कलई खुल गई है. संयुक्त राज्य अमरीका और फ्रांस में भी इस बी’मारी ने क़हर मचाया है. इस समय सबसे अधिक मरीज़ संयुक्त राज्य अमरीका में ही हैं. इसको देखते हुए देश में वेंटीलेटर और मास्क जैसी ज़रूरी चीज़ों की कमी हो गई है. ये हाल फ़्रांस, जर्मनी, इटली का भी है और बाक़ी देशों का भी लेकिन अमरीका के ऊपर फ़्रांस ने एक ऐसा आर्पो लगाया है जिसके बाद अमरीका की आलोचना हो रही है.
फ़्रांस ने दावा किया है कि चीन से मास्क की एक बड़ी खेप फ़्रांस के लिए रवाना होने ही वाली थी कि अमरीका ने नक़द अदाएगी करके वह खेप झपट ली। एक अख़बार में छपी ख़बर के मुताबिक़ को’रोना महामारी से बुरी तरह जूझ रहे फ़्रांस में मास्क और दस्ताने सहित अनेक प्रोटेक्टिव पदार्थों और उपकरणों की भारी ज़रूरत है जिसे देखते हुए उसने चीन से मास्क की एक खेप ख़रीदी गई थी मगर यह सामान मालवाहक विमान पर लादे जाने से पहले अमरीका ने कैश में अदायगी करके झ’पट लिया।
फ़्रांस के आल्प्स कोट डी आज़ोर प्रांत के अधिकारी रेनाड मुसेलियर ने मीडिया को बताया कि उनके देश ने 60 मिलियन मास्क का आर्डर दिया था. अधिकारी ने बताया कि मास्क चीन में तैयार किया गया और इसे फ़्रांस भेजने की प्रक्रिया जारी ही थी कि इसी बीच अमरीका बीच में कूद पड़ा और उसने फ्रांस के लिए तैयार किए गए मास्क कैश पेमेंट करके ख़रीद लिए जिसके बाद यह मास्क अमरीका भेज दिए गए।
अधिकारी ने बताया कि हम अब इस प्रकार का सौदा करने की कोशिश कर रहे हैं कि बीच में कोई और देश हमारा सामान न ख़रीद सके. फ़्रांसीसी अख़बार ने रिपोर्ट दी कि किसी भी देश को भेजे जा रहे मास्क की डिलीवरी में अमरीक रुकावटें पैदा कर रहे हैं। एक सूत्र ने अख़बार को बताया कि अमरीकी अधिकारी बग़ैर माल देखे दुगनी क़ीमत कैश में अदा कर रहे हैं।