मुंबई: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार को कैबिनेट विस्तार करने में जिस तरह से वक़्त लग रहा था उसी से अंदाज़ा हो गया था कि जैसा ठीक ठीक सब दिख रहा है वैसा नहीं है. अब जबकि कैबिनेट का विस्तार हो गया है तो अब गुटबाज़ी और विरोध के स्वर भी दिख रहे हैं. असल में उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर जो भी शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे के साथ आए सभी को बड़ी उम्मीदें थीं लेकिन अब जिसको मंत्री नहीं बनाया गया है वो ख़ुश नहीं दिख रहा.
औरंगाबाद से 3 बार विधायक संजय शिरसाठ भी मंत्री न बनाए जाने से नाराज़ हैं. उन्होंने एक ट्वीट किया जिसमें उद्धव ठाकरे की तारीफ़ कर दी लेकिन 10 मिनट बाद इसे हटा लिया. उद्धव ठाकरे को उन्होंने ‘महाराष्ट्र का कुटुंब प्रमुख’ बताया था. हालाँकि अब वो इसे तकनीकी ख़राबी बता रहे हैं लेकिन वो कहते हैं कि मुझे मंत्री पद मिलना चाहिए था.
शिरसाठ कहते हैं कि वो 38 साल से राजनीति में हैं और मंत्री न बनाए जाने से वो नाराज़ हैं लेकिन वो एकनाथ शिंदे के साथ हैं. महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार के बाद से ही एकनाथ शिंदे सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है. एकनाथ शिंदे और भाजपा के बीच खींचतान की ख़बरें हैं वहीं सरकार की आलोचना इस बात को लेकर भी हो रही है कि सरकार में एक भी महिला को मंत्री नहीं बनाया गया है. भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने भी इस बात का एतराज़ किया.