एक सहाबी का वाक़या जिनके हाथ में जूता था और दाढ़ी में पानी लगा था…

अस्सलाम ओ अलैकुम दोस्तों, हम अक्सर दीन की बातों से आपको रू-ब-रू करवाते हैं. इसी फ़ेहरिस्त हम आज फिर आपके लिए लेकर हाज़िर हैं एक बहुत ही प्यारी सी बात. हम आज्ज आपके सामने एक सहाबी के वाकये का ज़िक्र करने जा रहे हैं. ये वाकया अजीब है लेकिन बहुत ज़रूरी. दोस्तों एक मर्तबा हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कहा कि देखो इस दरवाजे से जन्नती आ रहा है फिर एक सहाबी अंदर आए और हाथ में जूता था और दाढ़ी में पानी लगा हुआ था जिससे यह मालूम हो रहा था कि उन्होंने वजू किया है.

फिर अगले दिन ऐसा ही हुआ हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि इस दरवाजे से एक जन्नती आ रहा है तो फिर वही शख्स दाखिल हुए दोस्तों फिर तीसरे दिन हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहो वाले वसल्लम ने कहा कि इस दरवाजे से एक जन्नती आ रहा है और तीसरे दिन भी वही आदमी उस दरवाजे से दाखिल हुआ. दोस्तों इस महफिल में एक शख्स बैठे हुए थे जिनका नाम अब्दुल्ला बिन उमर बिन आस रजि अल्लाह ताला अनु था और मौलाना तारिक जमील साहब कहते हैं कि मैंने जितने भी साहब आओ की सीरत पढ़ी है.

उनमें सबसे दीनदार यही थे और उनके लेवल का कोई आदमी नहीं था वह सारी रात निकल पड़ते हैं और सारा दिन रोजा रखते और 1 दिन में एक कुरान खत्म करते यह इनका उसका आम मामूल था. दोस्तों जब उनकी शादी हुई तो पहली रात उनकी गुजरी सुबह उनके अब्बा ने उनसे पूछा कि बेटा रात कैसी गुजरी तो उन्होंने जवाब दिया जी अल्हम्दुलिल्लाह नफील नमाज़ में गुजरी दोस्तों तो फिर उनके अब्बा जान ने जाकर अल्लाह के नबी से उनकी शिकायत लगाई तू दोस्तों मुझे इस दर्जे के सहाबा थे तो इनको खयाल आया कि यह बंदा मुझसे भी ज्यादा इबादत करता है कि अल्लाह के नबी ने इसे जन्नती कहा.

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