नई दिल्ली: इस वक़्त पूरी दुनिया एक अजीब ओ ग़रीब लड़ाई लड़ रही है. एक ऐसा दुश्मन सामने है जो दिख भी नहीं रहा लेकिन है हमारे आस पास ही. कोरोना वायरस नाम के इस दुश्मन ने बड़ी संख्या में लोगों को अपना शिकार बनाया है. जो काम करके लोग मानवता की मिसालें देते थे, आज वही करने पर लोग शक की नज़र से देखे जा रहे हैं. कोरोना वायरस ने ज़िन्दगी के रंग और रूप सब बदल दिए हैं.
ऐसा ही एक अजीब सा वाक़या पेश आया है. बहुत कोशिशें करने के बाद दुबई से उत्तराखंड के व्यक्ति का श’व दिल्ली एअरपोर्ट पहुँचा. मृतक के परिजन श’व लेने के लिए एअरपोर्ट पहुँचे तो मालूम हुआ कि उस विमान को वापिस लौटाया जा चुका है. श’व के लौटाए जाने की वजह कोरोना का डर बताया जा रहा है जबकि परिजनों का कहना है कि व्यक्ति की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है न कि कोरोना वायरस के संक्रमण से.
इस घटना से परिजनों को धक्का लगा है और वो अब सरकार से माँग कर रहे हैं कि श’व के दुबारा यहाँ पहुंचाने की व्यवस्था की जाए. टिहरी में धनोल्टी तहसील के सकलाना के सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट दुबई में नौकरी करते थे. वो एक होटल में काम करते थे. 17 अप्रैल को उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उनकी मौत हो गई. परिवार के लोगों ने सरकार से श’व के यहाँ पहुँचाने की व्यवस्था करने की माँग की थी. उनके श’व को भारत पहुँचाने के लिए दुबई के रहने वाले समाज सेवी रौशन रतूड़ी ने ख़ासी मेहनत की थी.
एक कार्गो विमान के ज़रिए 23 अप्रैल की रात को दुबई के अबुधाबी एअरपोर्ट से कमलेश और दो अन्य लोगों का श’व नई दिल्ली एअरपोर्ट उतारा गया. कमलेश के चचेरे भाई विमलेश भट्ट 24 अप्रैल की सुबह पहुँचे लेकिन उन्हें मालूम हुआ कि गृह मंत्री ने रात में ही एक आदेश निकाला है कि विदेश से आने वाले किसी भी व्यक्ति का श’व न लिया जाए. इसी वजह से तीनों श’व लौटा दिए गए. विमलेश ने आरोप लगाया कि भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और दूतावास में कोई समन्वय नहीं था, इसलिए उनके श’व की इस तरह फ़ज़ीहत हुई.