दुबई: सुपर 30 संस्था के संस्थापक आनंद कुमार जिनके नाम को एक ऐसे काम के साथ जोड़ा जाता है, जिससे हज़ारों विद्यार्थियों के जीवन को एक नई दिशा मिली। आनंद कुमार केबीसी में बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर मेहमान की हैसियत से केबीसी खेलते हुए भी नज़र आ चुके हैं। इसके साथ-साथ आनंद कुमार के ऊपर एक फ़िल्म सुपर 30 भी बन चुकी है। जिसमें अभिनेता रितिक रोशन ने आनंद कुमार की भूमिका निभाई थी।
भारत के सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने दुबई में ‘ग्लोबल टॉलरेंस समिट’ को संबोधित किया,अपने संबोधन में आनंद कुमार का कहना था कि सहनशीलता खुशहाल जीवन जीने का सार है। आनंद कुमार ने अपने संबोधन में शिक्षा के महत्व पर बहुत ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही सहिष्णुता और शालीनता सिखाती है। शिक्षा हमारी आंतरिक शक्ति और विश्वास को बढ़ाती है। क्योंकि सहनशीलता के लिए बहुत आंतरिक शक्ति और दृढ़ विश्वास की आवश्यकता होती है। जबकि असहिष्णुता के लिए सिर्फ़ क्रोध की आवश्यकता होती है।
आनंद कुमार ने शिक्षा के महत्व को बताते हुए कहा कि दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए शिक्षा ही एकमात्र साधन है। क्योंकि यह जीवन जीने की कला ही नहीं सिखाती, बल्कि समाज के वंचित वर्गों में पीढ़ी गत परिवर्तन लाने में भी सक्षम है। ‘ग्लोबल टॉलरेंस समिट’ को संबोधित करते हुए आनंद कुमार ने कहा कि, ‘आज दुनिया में असहिष्णुता के मामले बढ़े हैं। दुनिया पलायन वादी हो रही है। क्योंकि यह वास्तविक मुद्दों से निपटना नहीं चाहती है। शॉर्टकट चुनती है। असहिष्णुता के बढ़ते मामलों के मूल में गरीबी,भुखमरी, कुपोषण, अशिक्षा के बुनियादी मुद्दे बने रहते हैं। अगर दुनिया बुनियादी मुद्दों पर ध्यान दे तो बेहतर दुनिया का निर्माण हो सकता है।’
आनंद कुमार ने कहा कि, ‘ज्ञान के साथ व्यक्ति अधिक समझदार हो जाता है। और तर्क से सब कुछ देखना शुरू कर देता है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों का निर्माण, साथी मनुष्यों के प्रति सम्मान, भेदभाव को दूर करने और विश्वास की कमी को समाप्त कर समाज को मजबूत करता है।’ बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के प्रधानमंत्री और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मक़तूम ने सहिष्णुता को प्रोत्साहित करने के लिए यह वैश्विक पहल की है। और आनंद कुमार को गरीबी के ख़िलाफ़ शिक्षा का उपयोग कर सामाजिक परिवर्तन लाने के प्रयासों की सूची में शामिल किया गया था।