मुम्बई: महाराष्ट्र में इन दिनों दोनों सहयोगी दल शिवसेना कांग्रेस में शीत युद्ध अपने चरम पर है। एक तरफ़ जहां शिवसेना नरेंद्र मोदी की तारीफों की माला जप रही है। तो वहीं दूसरी तरफ़ कांग्रेस को अपने सहयोगी दल की इस तरह विरोधी की तारीफ करना अखर रहा है। विवाद की शुरुआत उस समय से होती है जब गुपचुप तरीके से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नरेंद्र मोदी से मुलाकात करते हैं और नरेंद्र मोदी की खुलेआम तारीफ़ कर देते हैं।
सियासी जानकारों के मुताबिक इस मुलाक़ात के कई मायने निकाले जा रहे हैं कुछ लोगो का मानना है कि ये मुलाकात एक रणनीति का हिस्सा है ताकि अपने सहयोगी दलों पर दबाव बनाया जा सके।इसी बात से नाखुश कांग्रेस कुछ दिन पहले ये कह चुकी है कि आगामी 2024 के चुनावों में वह अकेले अपने दम पर लड़ेगी और सरकार बनाएगी।
इसी बयान पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र में कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा है कि ऐसा ही दावा बीजेपी भी कर रही थी लेकिन 105 सीटें जीतने के बाद भी वो सरकार नही बना पाई। शिवसेना ने कहा कि एक तरफ राज्य में मराठा, ओबीसी, धनगढ़ आंदोलन ज़ोर पकड़ रहा है , ओबीसी के नेता सड़को पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं , वहीं दूसरी तरह कोरोना महामारी का प्रकोप अभी तक थमा नही है।
ऐसे हालात में कुछ लोग राजनीति,चुनाव,स्वबल की धुन लगी है,महाराष्ट्र के लोग राजनीति से ग्रस्त हैं,परंतु इतने ग्रस्त होंगे ये कभी नही सोचा था। शिवसेना ने यह भी कहा कि जैसा कांग्रेस कह रही है वैसा ही पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कहा करते थे की मैं फिर आऊंगा। लेकिन वो आये नही। शिवशेना ने बिना किसी का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि कुछ लोग चाहते हैं कि प्रदेश अस्थिर हो, आर्थिक रूप से कमज़ोर हो जाये। इसी को लेकर कुछ राजनैतिक शक्तियां बुरी नज़र गड़ाये बैठी हैं।