लन्दन: ब्रिटेन में ब्रेक्सट को लेकर राजनीतिक उथल पुथल का माहौल है. ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और थेरेसा मे के बाद अब प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं. किसी भी तरह से ब्रेक्सिट हो जाए इस कोशिश में जॉनसन ने संसद को भंग कर दिया था लेकिन अब इस मामले में उन्हें बड़ा झटका लगा है. जॉनसन को ये झटका देश की सुप्रीम कोर्ट ने दिया है. देश की सर्वोच्च अदालत ने जॉनसन के इस फ़ैसले को असंवैधानिक क़रार दिया है.
ब्रिटिश संसद के निचले सदन को हाउस ऑफ़ कॉमन्स कहा जाता है. बीते 10 सितंबर को ब्रिटिश संसद के निचले सदन ने समय से पहले चुनाव कराने की प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की मांग को फिर खारिज कर दी थी. दूसरी बार कराए गए मतदान में भी कुछ इसी तरह का हाल हुआ है ये खारिज हो गया था.एक समाचार एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जॉनसन को राष्ट्रव्यापी चुनाव कराने के लिए दो-तिहाई बहुमत की दरकार थी परन्तु ऐसा नहीं हो सका.
प्रस्ताव के पक्ष में महज़ 293 सांसदों ने वोट किया जबकि कुल संख्या 434 सांसदों की है. इस वजह से प्रस्ताव अधर में लटक गया. मतदान के बाद संसद को आधिकारिक रूप से निलंबित कर दिया गया. सत्र 14 अक्टूबर को फिर शुरू होगा. आपको बता दें कि संसद के निलंबन का मतलब ये है कि सांसदों को जल्द चुनाव के लिए मतदान करने का एक और मौका नहीं मिलेगा. विपक्ष का दावा है कि सरकार इस कोशिश में है कि ‘नो-डील ब्रेक्सिट’ हो जाए जिसका अर्थ आर्थिक समस्याएँ होगा.