फ़िल्म अभिनेत्री ज़ायरा वसीम के बॉलीवुड छोड़ने के बयान के बाद से ही न सिर्फ़ बॉलीवुड में बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गयी है। ज़ायरा के बॉलीवुड छोड़ने के निर्णय के पीछे बताए कारण को लोगों ने बड़ा मुद्दा बना लिया है। सभी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देने में देर नहीं कर रहे हैं। ऐसे में आए दिन नए-नए बयान सामने आ रहे हैं जो इस मामले को निजी पसंद से ज़्यादा साम्प्र’दायिक और राजनीतिक मोड़ दे रहे हैं।
हाल ही में इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन का बयान भी आया है। उनका कहना है कि ज़ायरा का फ़िल्मी दुनिया छोड़ने का फ़ैसला किसी न किसी दबाव में ही लिया गया है। शाहनवाज़ हुसैन ने आगे कहा कि इस्ला’म में इस तरह की कोई पा’बंदी नहीं है। आगे अपनी बात में शाहनवाज़ ने ये भी जोड़ा कि अगर फ़िल्मों में आना मना है तो TV में आना भी मना है जब धर्म से जुड़े लोग ख़ुद tv में नज़र आते हैं तो इस्ला’म में इसकी कोई पाबं’दी कैसे हो सकती है।

हाल ही में ज़ायरा ने फ़िल्म इंडस्ट्री छोड़ने की बात कहते हुए एक लम्बी पोस्ट लिखी जिसमें उन्होंने कहा था कि फ़िल्म इंडस्ट्री में उन्हें वो ख़ुशी नहीं मिल रही थी जो वो ढूँढ रही थीं साथ ही उन्होंने लिखा कि फ़िल्म इंडस्ट्री उन्हें ईमा’न से दूर ले जा रहा था और वो इसीलिए फ़िल्म इंडस्ट्री छोड़ रही हैं। उनके इस पोस्ट के बाद से ही अलग-अलग बयानों की होड़ लग गयी।
बहरहाल शाहनवाज़ हुसैन ने ज़ायरा के साथ-साथ एक और मामले पर बयान दिया, उन्होंने टीएमसी सांसद नुसरत जहाँ के लिए जारी हुए कथित फ़’तवे का विरोध करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में सिंदूर लगाना और मंगलसूत्र पहनना सुहाग की निशानी है। उन्होंने ये बयान जिस फ़;तवे के ख़िला’फ़ दिया वो फ़’तवा जारी ही नहीं हुआ ऐसा बयान दारुल उलूम देवबंद ने दिया था। हम आपको बता दें कि जब बीते मंगलवार को नुसरत जहाँ संसद में शपथ लेने पहुँची तो उन्होंने सिंदूर, चूड़ी और मंगलसूत्र पहना हुआ था और भारतीय परिधान में थीं।

नुसरत जहाँ ने हाल ही में कोलकाता के बिज़नेसमेन निखिल जैन से हिंदू रीतिरिवाजों से शादी की है और जब वो संसद में मंगलसूत्र, चूड़ी, मेहंदी के साथ नज़र आयीं साथ ही बड़ों को पैर छोकर अभिवादन किया तो उनकी ये तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल होने लगी और फ़तवे की ख़बर आने लगीं।