मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी ऊँट किस करवट बैठेगा अभी तक किसी को पता नहीं है. भाजपा ने सरकार बना ली है लेकिन ऐसा अब लग नहीं रहा कि भाजपा बहुमत सिद्ध करने में कामयाब होगी. एनसीपी के जिस नेता के बल पर भाजपा ने सरकार बनाई है वो नेता अब अलग-थलग पड़ता दिख रहा है. ऐसा लग रहा है कि अकेले बस वो ही बचे हैं और बाक़ी के सभी विधायक अब शरद पवार ख़ेमे में वापिस आ चुके हैं.
अब एनसीपी के विधायक अनिल पाटिल जो कल से ही ग़ायब थे मुंबई आ गए हैं. उन्हें मुंबई एनसीपी के दूसरे नेता दिल्ली से मुंबई लाये. उन्होंने कहा कि हमने शरद पवार साब से कह दिया है कि वो उनके साथ आना चाहते हैं और पार्टी में रहना चाहते हैं..उन्होंने भरोसा जताया है कि उन्हें वापिस लिया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि जब हम होटल पहुँचे तो भाजपा के 100 से 200 के बीच कार्यकर्त्ता मौजूद थे..उनके साथ पुलिस की गाड़ियाँ थीं और सिविल ड्रेस में पुलिस के लोग थे..हम डर गए थे.
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने आज महाराष्ट्र के सियासी संकट पर सुनवाई की. इस सुनवाई के दौरान अदालत ने हर पक्ष को बराबर से सुना. अदालत में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र भाजपा की तरफ़ से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि फ़लूर टेस्ट के लिए अदालत राज्यपाल को 24 घन्टे में कराने को नहीं कह सकती..उचित समय सात दिन है. सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में अब कल आदेश सुनाने का फ़ैसला किया है. कल बहुमत सिद्ध करने पर सुप्रीम कोर्ट फ़ैसला लेगा.
सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना ने अपील दायर की है जिसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व में गठित हुई सरकार को अदालत तुरंत ही बहुमत सिद्ध करने के लिए कहे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कल सुनवाई में सरकार के वकीलों से कहा था कि वो उस समर्थन पत्र को पेश करें जो राज्यपाल को सौंपा गया था. आज जब इसकी सुनवाई हुई तो सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उनके पास में ओरिजिनल डॉक्यूमेंट हैं.
तुषार मेहता ने अदालत से समय माँगा है कि सरकार को कुछ पक्ष रखने के लिए और वक़्त दिया जाए. अपने समर्थन पत्र में अजीत पवार ने लिखा है जिस पर नवम्बर 22 तारीख़ पड़ी हुई है. इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति शासन हमेशा के लिए नहीं चल सकता है और एक स्थिर सरकार की ज़रूरत है..इस पत्र में लिखा गया है कि भाजपा ने पहले अजीत पवार से समर्थन माँगा था लेकिन तब एनसीपी के विधायक तैयार नहीं थे इस वजह से उन्होंने इसको मना कर दिया था.