पटना: जो ख़बर बिहार से आ रही है वो भाजपा के लिए कुछ मुश्किल भरी हो सकती है.असल में बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर अब गर्मागर्मी शुरू हो गई है. भाजपा और जदयू यहाँ गठबंधन में हैं और दोनों ही पार्टी के नेता अब ऐसी बातें कर रहे हैं जो गठबंधन के लिए ठीक नहीं कही जा सकतीं. बिहार भाजपा में एक बार फिर ये बात उभरी है कि विधानसभा चुनाव में उनको जदयू से ज़्यादा सीटें मिलें लेकिन जदयू इसके लिए बिलकुल तैयार नहीं है.
जदयू के वरिष्ठ नेता प्रशांत किशोर ने भाजपा नेताओं की इस माँग पर टिपण्णी की है. उन्होंने कहा कि नितीश कुमार जी बिहार का चेहरा हैं..जदयू 2004 से ही बड़ी पार्टी है. भाजपा के साथ गठबंधन में भी जदयू ही बड़ी पार्टी रही है. उन्होंने कहा कि 2004 और 2009 विधानसभा चुनाव देखा जाए तो जदयू को भाजपा से अधिक सीटें मिली थीं.उन्होंने एक प्राइवेट चैनल से बात करते हुए कहा,”मुझे लगता है कि जेडीयू को आगामी चुनाव में 50 फीसदी से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए.”
उन्होंने कहा कि बीजेपी से सीट बंटवारे को लेकर अनुपात 1 बटे 1.3 या 1.4 ही रहेगा. उन्होंने एनआरसी को लेकर भी अपनी पार्टी का स्टैंड साफ किया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पहले ही साफ कर दिया है कि हमारी पार्टी राज्य में एनआरसी लागू नहीं करेगी. भाजपा प्रशांत किशोर के बयान से ख़ुश नहीं है. जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के बयान पर भाजपा के नेता नितिन नवीन ने बयान दिया है.
उन्होंने कहा,”सीट बंटवारे पर आखिरी फैसला पार्टी हाई कमान को लेना है. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इस मुद्दे पर प्रशांत किशोर इतनी बयानबाजी क्यों कर रहे हैं. लेकिन जेडीयू के नेताओं का कहना है कि जो प्रशांत किशोर जो बात कह रहे हैं वही भावना नीतीश की भी है.