कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नती’जों में तृणमूल कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई है। जबकि बीजेपी के हाथों में बंगाल की सत्ता नही आई। 292 विधानसभा सीटों में से टीएमसी ने 213 सीट पर जीत दर्ज की है। तो वहीं, बीजेपी केवल 77 सीटों पर ही सि’मट कर रह गई। टीएमसी को बंगाल में 47.9 फीसदी वोट मिले तो बीजेपी को 38.1 फीसदी वोट मिले। बात अगर पिछले चुनाव की करें तो 2011 और 2016 में टीएमसी को 184 और 211 सीटों पर जीत मिली थी। 2011 में बीजेपी का खाता नही खुला था। लेकिन 2016 में बीजेपी को उसने 3 सीटें मिली थी।
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बंगाल में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 42 में से 18 लोकसभा सीटें जीती थीं। लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपने मन मुताबिक सीटें नही ब’टोर पाई। चुनावी नतीजे सामने आने से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि ममता बनर्जी 240 विधानसभा क्षेत्रों वाले दक्षिण बंगाल में बहुत से हिंदुओं, आदिवासी और दलित वोटर्स को दोबारा जोड़ने में सफल रही, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का साथ दिया था। उत्तर बंगाल में टीएमसी के दो प्रमुख मंत्री हार गए इसके साथ बीजेपी को 54 में से 30 सीटों पर ही संतुष्ट होना पड़ा।
उत्तर और दक्षिण बंगाल में भारत-बांग्लादेश से जुड़े क्षेत्रों में बीजेपी को बहुत वोट मिले। यहां 1947 और 1971 के बाद पूर्वी पाकिस्तान(पाकिस्तान के बँटवारे से पहले बांग्लादेश को पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था) से आए हिंदुओं की काफी आबादी है। यह मालदा और मुर्शिदाबाद में भी हुआ जहां मुसलमानों की आबादी अधिक है। मालदा जिले में मुसलमानों की आबादी में हिस्सेदारी 51.27 फीसदी है, बीजेपी ने हबीबपुर सीट को 47.52 फीसदी वोटों से जीता।
वहीं दूसरी तरफ यहां टीएमसी को 37.66 फीसदी वोट मिले। यह मालदा की उन 5 सीटों में से है जिनपर बीजेपी को जीत मिली, बची 7 सीटें टीएमसी को मिल। साथ सटे मुर्शिदाबाद में, जोकि दक्षिण बंगाल का हिस्सा है, मुसलमानों की आबादी में हिस्सेदारी 66.28 फीसदी है, यह बंगाल के सभी जिलों में सर्वाधिक है।
बीजेपी जहां पीएम मोदी और मतुआ समुदाय के सहारे जीत की तैयारी कर रही थी तो वहीं टीएमसी ममता, महिला और मुस्लिम वोटर्स के सहारे तीसरी बार सत्ता में आ गई। वहीं, कांग्रेस और लेफ्ट दलों के गठ’बंधन के बावजूद मुस्लिम मतदाताओं ने ममता बनर्जी का साथ दिया है। मुर्शिदाबाद जिले में बीजेपी ने 20 में से 2 सीटों पर जीत हासिल की।
ये मुर्शिदाबाद और बरहामपुर की शहरी सीटें हैं, जहां हिंदुओं की आबादी अधिक है। आदिवासी इलाकों में बीजेपी ने बांकुरा जिले में 12 में से 7 सीटों पर को जीता। बांकुरा सीट पर बीजेपी ने टीएमसी उम्मीदवार को एक फीसदी से कम वोटों से हराया है। पुरुलिया जिले में टीएमसी को तीन सीटें मिली जबकि 9 सीटें बीजेपी के खाते में गईं।
बीजेपी को खरगपुर और घाटल सीट पर जीत मिली। वहीं, झारग्राम में टीएमसी ने सभी 4 सीटें जीती। बीजेपी के राज्य महासचिव सायंतन बसु कहते हैं, ”दक्षिण बंगाल के कई जिलों जैसे पुरुलिया और बांकुरा में में हमारा प्रदर्शन खराब नहीं रहा। टीएमसी ने हमें कोलकाता, हावड़ा, हुगली और साउथ 24 परगना जिलों में पीछे छोड़ा।” धार्मिक ध्रुवी’करण के साथ उत्तर 24 परगना और नादिया जिलों में जातिगत राजनीति भी एक अहम फैक्टर रहा। बीजेपी ने इस क्षेत्र के लोगों से बड़े बड़े वादे किए थे लेकिन यहां के लोगों ने अपना वोट टीएमसी को दिया।