इस समय पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा कर रख दिया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें पूरी कोशिश में है कि किसी भी तरह से देश को कोरोना से बचाया जाए उत्तर प्रदेश,दिल्ली, पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में ऑक्सीजन और जरूरी चीजों की कमी की ख़बरें आ रही हैं।
एक तरफ जहां देश कोरोना से लड़ रहा है वहीं दूसरी ओर पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की वोटिंग आज समाप्त हो गई है. यूं तो 4 राज्यों में चुनाव पहले ही समाप्त हो चुके थे लेकिन पश्चिम बंगाल में चुनाव 8 चरणों में हुए हैं. आठवें चरण का मतदान आज 29 अप्रैल को हुआ मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब मीडिया का फोकस कोरोना की बजाय चुनाव और चुनाव से संबंधित एग्जिट पोल पर शिफ्ट हो गया है.
ज्यादातर समाचार चैनल एग्जिट पोल पर चर्चा करवा रहे हैं और बता रहे हैं कि किस राज्य में कौन सी पार्टी चुनाव जीतेगी. ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि 2 मई को चुनाव के नतीजे आ जाएंगे. कई लोग इस सवाल उठा रहे हैं कि ऐसे समय जब के पूरे देश में कोरोना का कहर मचाया हुआ है तब क्या एग्जिट पोल जैसी बातों पर बहस करवाना अच्छा है.
क्या इसकी जगह पर कोरोना से जुड़े जरूरी प्रोग्राम नहीं दिखाए जाने चाहिए थे. आपको बता दें कि इन चुनावों के दौरान बड़ी बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने बड़ी बड़ी रैलियां की. इन रैलियों में सोशल डिस्टेंसिंग जैसी चीजों की धज्जियां उड़ गई चुनाव आयोग में कुछ दिशा निर्देश दिए तो थे लेकिन उनका पालन किसी ने भी सही से नहीं किया.
जहां राजनीतिक दल बड़ी बड़ी सभाएं कर रहे थे वही मीडिया अपना फायदा और नुकसान चुनाव की ही नजर से देखा था कोरोना के बारे में जानकारी उसे जुड़ी खबरें मीडिया से गायब हो गई थी जब दूसरी लहराई तो देश के लोगों को इसका ठीक से अंदाजा ही नहीं था इस वजह से कोरोना ने अपने पैर मजबूती से पसारे अब जब के नजर आ रहा है कि हालात मुश्किल है तब भी न्यूज़ मीडिया चैनल एग्जिट पोल पर डिस्कशन करवा रहे हैं