लखनऊ: चुनाव के नज़दीक आते ही उत्तर प्रदेश की राजनीति हर दिन करवटें बदल रही है। सभी राजनैतिक दल अपनी अपनी बिसात बिछाने में दिन रात एक रहे हैं। कोई अपना सहयोगी तलाश कर रहा है तो कोई अकेला ही यु’द्ध के मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है। कुछ दल अपने रूठों को मना रहे हैं तो कुछ अपनों से ही किनारा का’ट रहे हैं। दिल्ली की कुर्सी को तय करने वाला उत्तर प्रदेश का चुनाव सभी मायनों में महत्त्वपूर्ण हैं। इसलिए कोई भी दल किसी भी तरह की कसर छोड़ना नही चाहता है।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी किसी भी बड़े दल के साथ गठबंधन नही करेगी। बड़े दलों के साथ गठबंधन पर मेरा अनुभव अच्छा नही रहा है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी छोटे दलों को साथ लेकर चलेगी। उन्होंने बताया कि सपा 300 ऐसी सीटों को टारगेट कर रही जिन्हें सपा जीत सकती है।
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि अगली सरकार समाजवादी पार्टी की बनने जा रही है। बीजेपी से जनता ना’राज़ है इसलिए जनता समाजवादी पार्टी को विकल्प के रूप में देख रही है। टीकाकरण के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि समाजवादी सरकार आएगी तो सभी का फ्री में टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश के सभी लोगों को टीका लग जायेगा तब मैं वैक्सीन लगवाऊंगा।
उत्तर प्रदेश की सियासत में जहाँ एक तरफ बीजेपी अ’संतुष्टों की फौज खड़ी हो गयी है। जिनको मनाने के लिए बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व लखनऊ में डेरा डाला हुआ है। और दूसरी तरफ बसपा में की हालत बेहद ख’राब हो चुकी है। ऐसे में आने वाले चुनावों में सपा के पास बढ़त बनाने का अवसर ज़रूर उपलब्ध है। देखना है की सपा इस अवसर को कैसे भुनाती है।