नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत हुई है. आम आदमी पार्टी 62 सीटों पर जीत रही है जबकि भाजपा को आठ सीटें ही मिली हैं. कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है. दिल्ली चुनाव में भाजपा ने जिस तरह से चुनावी कैम्पेन किया उससे लगा कि भाजपा ने इसको एक नाक की लड़ाई बना लिया है. भाजपा के कई नेताओं ने विवादित बयान दिए हैं. यहाँ तक की भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने ‘शाहीन बाग़’ पर आपत्तिजनक टिपण्णी की.
जहां भाजपा की चुनावी कैम्पेन की जहां लोगों ने निंदा की कि भाजपा ने अपनी कैम्पेन को साम्प्रदा’यिक कर दिया. इसके बाद भी आम आदमी पार्टी ने अपना चुनावी कैम्पेन अपनी सरकार के काम पर ही रखा. अरविन्द केजरीवाल के कार्यकाल में जो काम हुआ उसको लेकर आम आदमी पार्टी ने लगातार कैम्पेन किया. उन्होंने फ्री बिजली, फ्री जन सेवाओं पर ही चुनाव का प्रचार फोकस किया. आम आदमी पार्टी ने लगातार अपनी सरकार द्वारा खोले गए मुहल्ला क्लिनिक की चर्चा की.
इस चुनावी जीत के बाद हर चैनल पर ये चर्चा चल रही है कि आम आदमी पार्टी ने जन-हित के मुद्दों पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की है लेकिन ये पहला मौक़ा नहीं है कि कोई पार्टी विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ी है. 2017 में समाजवादी पार्टी ने “काम बोलता है” कैम्पेन चलाया था. अखिलेश यादव जोकि तब मुख्यमंत्री थे उन्होंने अपनी पार्टी के चुनावी कैम्पेन में बार-बार ये ज़िक्र किया कि किस तरह उन्होंने मेट्रो बनवा दी, किस तरह उनकी पार्टी की सरकार ने शिक्षा को बेहतर कर दिया है.
समाजवादी पार्टी ने तब कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और वो जीत नहीं सकी थी. भाजपा ने तब बड़ी जीत हासिल की थी और सपा और कांग्रेस गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा था. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से कई ऐसे बयान आये थे जो विवादों में रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रमज़ान और दीपावली जैसा बयान देकर चुनाव को अलग ही रंग देने की कोशिश की. तब विकास के नाम पर सपा ज़रूर हार गई थी लेकिन अब अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने अपने काम को जनता तक पहुँचाया और उसके प्रचार को भी वो कर ले गए जिस वजह से उनकी पार्टी ने बड़ी जीत दिल्ली में हासिल की है.