लखनऊ: आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने शनिवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष व भागीदारी संकल्प मोर्चा के संयोजक ओमप्रकाश राजभर से मुलाक़ात की है। दोनो नेताओं की बातचीत एक बंद कमरे में तकरीबन 1 घण्टे चली। ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश में जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आता दिखाई दे रहा है। वैसे वैसे राजनैतिक पार्टियाँ अपनी अपनी सियासी गो’टियां फिट करने में लगी हुई हैं। इन दोनों दलों के नेताओं की मुलाकात से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है की आगामी चुनावों में भाजपा के खि’लाफ एक मोर्चा तैयार करने का खाका खींचा जा रहा है।
इससे पहले ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव व प्रगतिशील समाज पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव से भी मुलाकात की थी। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा का उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में सीमित जनाधार है। 2002 में बनी इस पार्टी की 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से अधिक चर्चा इसलिए भी हुई क्योंकि बीजेपी ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की वाराणसी से जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी समुदायों को साधने की नीति के तहत अपना दल के साथ ही सुभासपा जैसे छोेटे दलों से भी चुनावी तालमेल की दिशा में काम किया।
सुभासपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में अपने 13 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे लेकिन किसी भी सीट पर जीत हांसिल नही हो सकी। 2007 के विधानसभा चुनावों में सुभासपा को 4 सीटों पर जीत हांसिल हुई थी। एनडीए का सहयोगी दल होने की वजह से योगी के सरकार में ओमप्रकाश राजभर को मंत्री बनाया गया था। लेकिन बाद में ओमप्रकाश राजभर ने योगी के ऊपर बात न मानने व पिछड़े वर्ग की जातियां जो आरक्षण का लाभ नहीं ले पायी हैं उनके लिये अलग से आरक्षण की व्यवस्था करने के सवाल पर कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।